- सिंघडि़या आवास विकास कॉलोनी की घटना - बीमारी से परिवार पर पड़ रहे बोझ से डिप्रेशन में थी युवती GORAKHPUR: सिंघडि़या आवास विकास कॉलोनी में सोमवार सुबह एक दरोगा की बेटी ने बीमारी से क्षुब्ध होकर खुद को आग लगा कर जान दे दी। कमरे से धुंआ उठता देख परिजनों को घटना की जानकारी हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने युवती के शव को कब्जे में लेकर पोस्ट-मॉर्टम के लिए भेज दिया। डिप्रेशन में थी सब्या प्रमोद कुमार श्रीवास्तव पुलिस विभाग में दरोगा हैं। उनकी तैनाती देवरिया जिले में है। उनका परिवार सिंघडि़या आवास विकास कॉलोनी में रहता है। उनकी बड़ी बेटी सब्या (23) लंबे समय से बीमार चल रही थी। उसका सहारा हॉस्पिटल लखनऊ से इलाज चल रहा था। परिजनों और आसपास के लोगों के मुताबिक बीमारी के इलाज में अधिक पैसे खर्च होने से वह काफी डिप्रेशन में चल रही थी। दो दिन पहले उसकी मौसी लखनऊ से गोरखपुर आई थीं। वे सोमवार को सुबह करीब 9 बजे लखनऊ जाने के लिए निकलीं। सब्या दरवाजे के बाहर ही उनके पैर छूकर अपने कमरे में चली गई। उसकी मां, छोटी बहन और भाई मौसी को चौराहे तक छोड़ने गए थे। वह वापस आए तो सब्या मकान के दूसरी मंजिल पर थी। परिजनों को लगा कि वह नहाने गई है। इसी बीच दूसरी मंजिल के कमरे से धुंआ उठता देख आसपास के लोगों ने जानकारी दी। परिजन ऊपर पहुंचे तो दरवाजा बंद मिला। दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे तो पता चला कि सब्या ने खुद को आग लगा ली है जिसमें वह गंभीर रूप से झुलस चुकी थी। जब तक उसे अस्पताल ले जाया जाता, उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने घटना की जानकारी प्रमोद को दी। इस दौरान सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। शुरू में परिजन शव के पोस्ट-मॉर्टम के लिए राजी नहीं थे। बाद में उच्चाधिकारियों के समझाने के बाद वह पोस्ट-मॉर्टम करवाने के लिए मान गए।