- स्कूल जाते वक्त छेड़ते थे दबंग, मना करने पर लगाई आग

- आधी रात को घर में घुस कर किशोरी को किया आग के हवाले

GORAKHPUR : अब मेरा क्या होगा। मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई। पूरा शरीर आग से झुलस गया है। उन लपटों में मेरे सारे अरमान जल गए। मैं चीखती रही, चिल्लाती रही मगर उन हैवानों को मुझ पर जरा भी रहम नहीं आया। मेरी आत्मा कराह रही है। मेरा क्या कसूर है जो मेरे साथ ये सुलूक किया गया। मैंने तो बस अपने ऊपर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। क्या उसकी सजा ये है कि मुझे जिंदा जला दिया जाए? ये सवाल है डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट सोलह साल की आकांक्षा का। जिसे कुछ दबंग लड़कों ने घर में घुसकर जिंदा जला दिया।

छेड़ने वाले दबंगों ने लगाई आग

सिकरीगंज एरिया के सियर गांव निवासी व्याल भूषण शुक्ला एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। छुट्टी होने की वजह से इन दिनों घर पर रहते हैं। उनके साथ एक अ‌र्द्घनिर्मित मकान में पत्नी गीता शुक्ला, बेटी प्रियंका, आकांक्षा और बेटे चंद्रभूषण और वरुण रहते हैं। प्रियंका ने बताया कि पड़ोस के नकेड़ गांव में रहने वाले कुछ युवक आए दिन स्कूल जाते वक्त आकांक्षा से छेड़छाड़ करते थे। सोलह वर्षीय आकांक्षा ने ये बात अपनी मां को बताई, लेकिन लोकलाज के डर से कहीं शिकायत नहीं दर्ज कराई गई। वेंस्डे को युवकों ने फिर छेड़छाड़ की तो आकांक्षा ने घर पर बताया। पिता व्याल भूषण शुक्ला ने एक युवक को पकड़ लिया और उसकी पिटाई की। फिर घर के सामने बिठा लिया। पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन पुलिस नहीं पहुंची। बाद में नकेड़ गांव के प्रधान व पूर्व प्रधान कुछ लोगों के साथ पहुंचे और युवक को जबरदस्ती छुड़ा ले गए। लेटलतीफ पुलिस पहुंची तो जरूर पर किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

बरामदे में सो रही थी आकांक्षा

बड़ी बहन प्रियंका के मुताबिक फ्राइडे नाइट सभी सो रहे थे। आकांक्षा बरामदे में लेटी थी। रात में अचानक आकांक्षा के चिल्लाने की सुनकर उसकी नींद खुल गई। सामने आग की लपटों में आकांक्षा घिरी हुई थी। बदहवास प्रियंका ने किसी तरह पानी डाल कर आग को काबू किया। इतनी देर में फैमिली मेंबर्स भी इकट्ठा हो गए। सबने आकांक्षा को प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर एडमिट कराया। डॉक्टर ने हालत गंभीर देख आकांक्षा को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल रेफर कर दिया। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट पीडि़ता ने बताया कि उसे नकेड़ गांव के विश्वजीत सिंह, विष्णु सिंह, मोनू सिंह, सूरज सिंह और रितेश ने मिट्टी का तेल डालकर जलाया है। पांचों युवक रात के अंधेरे में घर के भीतर दाखिल हुए और वारदात को अंजाम देनेके बाद दीवार फांदकर फरार हो गए।

तीन घंटे बाद पहुंची पुलिस

फैमिली मेंबर्स ने घटना की सूचना तत्काल पुलिस को दी, लेकिन पुलिस तीन घंटे बाद मौके पर पहुंची। मामले की जानकारी होने पर एसपीआए बृजेश सिंह पीडि़ता से मिलने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचे। आकांक्षा और फैमिली मेंबर्स?का बयान लिया। उन्होंने परिवार को आश्वासन दिया कि मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उधर, सूचना मिलने के बावजूद लापरवाही बरतने के आरोप में एसएसपी प्रदीप कुमार ने एसओ सिकरीगंज हरी सिंह यादव को लाइन हाजिर कर दिया है।