कैसे भूलेगा वो मंजर?

आगरा। महज छह बरस की उम्र में वह उन यातनाओं से गुजरी, जिसे सुनकर बड़ों-बड़ों का दिल दहल जाए। एक साल हो गए वह आज भी उसी यातना से गुजर रही है। इस यातना में उसकी मासूमियत गुड्डे-गुडिय़ा से खेलने के दिनों में ही गुम हो गई। जो घर उसकी मासूमियत भरी हरकतों से जगमगाता था, उस जगह पर अब एक अनजाने डर ने जगह ले ली है। उसके कोरे मन पर पड़े इस दरिंदगी के जख्म मालूम नहीं कि कब जाएंगे, उसके जिस्म पर उस दरिंदगी की यातना के जख्म आज भी मौजूद हैं। तीन महीने हॉस्पिटल में भर्ती रहने के बाद पिछले कुछ दिनों से वह स्कूल जाने लगी है। उसके घर वाले भी इसे अनहोनी मानकर भुला देना चाहते हैं। मगर, इंसानों की बस्ती से फिर कोई दरिंदा बनकर सामने नहीं आएगा, यह यकीन कर पाना भी उनके लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। वजह भी साफ है कि उनकी बेटी के साथ घिनौनी हरकत करने वाला पड़ोस में ही तो रहता था.  हम बात कर रहे हैं कि छत्ता थाना एरिया में रहने वाली तृष्णा (परिवर्तित नाम) की। जिसके साथ एक साल पहले उसके पड़ोस में रहने वाले युवक ने रेप किया था। दरिंदगी और फिर उसके बाद की यातना से जूझ रही यह मासूम अकेली नहीं है। पिछले एक साल से अभी तक 29 छोटी बच्चियों के साथ रेप किया जा चुका है। इन बच्चियों की मासूमियत को उस उम्र में ही छीन लिया गया, जिसमें वह अपने और पराया तक नहीं जानती, फिर वे इंसान और दरिंदे का फर्क क्या जानें। लेकिन, यातना की टीस एक होती है। डर हर किसी को डराता है। फिर चाहे वह बड़ा हो या फिर छोटा। ये तमाम बच्चियां और उनके परिवार इसी यातना से आज भी गुजर रहे हैं.   

 केस वन

तृष्णा के साथ रेप हुआ। आरोपी पकड़ा गया और जेल भी चला गया। सरकारी मदद के नाम पर 20 हजार रुपए का चेक भी दे दिया गया, लेकिन उनकी बच्ची उस हादसे से अभी तक उबर नहीं पाई है। उसके साथ ऐसी घिनौनी हरकत करने वाले की सजा कोर्ट तय करेगी। लेकिन, यह बच्ची दिन-रात सजा भोग रही है। कई महीनों तक वह स्कूल जाने का साहस तक नहीं जुटा सकी। घर के बाहर और मोहल्ले में अपनी सहेलियों के साथ खेलने वाली यह बच्ची अब घर के बाहर निकलते हुए भी डरती है। रात को सोते हुए वह अक्सर चीख उठती है। फिर घंटों तक वह सोती नहीं है। उस घटना के बाद गुम हुई मासूमियत को फिर से उसके चेहरे पर देखने को उसके घरवाले तरस रहे हैं। किसी तरह वे उसे स्कूल जाने पर राजी कर सके, तो वह पिछले एक साल से स्कूल जाने लगी। मगर, वह मासूमियत भरी मस्ती की जगह रास्ते भर उसके साथ अब एक डर चलता है. 

केस 2

सदर थाना एरिया में रहने वाली प्रीति (परिवर्तित नाम) के साथ पिछले साल नवरात्रि के दिनों में रेप हुआ था। तब वह सात बरस की थी। उसके पड़ोस में रहने वाला एक युवक उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया। उसकी मासूमियत को उसने रौंद डाला। उसके परिवार वालों के मुताबिक तब से वह सहमी हुई सी रहती है। उसके साथ जो हुआ उसके बाद उसने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है। जब उसके दिलो-दिमाग से वह खौफ नहीं गया तो उसके पिता ने उसे ननिहाल में मुरादाबाद भेज दिया। काफी दिनों से वह वहीं पर है। आगरा का नाम सुनते ही उसके अंदर वह दिन याद आ जाता है। उस यातना का दर्द उभर आता है। उसे आगरा लाने की बात जैसे ही उसके कान में पड़ती है तो वह रो पड़ती है। गिड़गिड़ाते हुए कहती है कि मैं घर नहीं जाऊंगी. 

   

केस-3

खंदौली थाना एरिया के मुढ़ी जहांगीरपुर इलाके में रहने वाली छह साल की रिया के साथ पिछले साल सितंबर में उसके पड़ोस में रहने वाले युवक ने घिनौनी हरकत की। हादसे को आठ महीने हो चुके हैं, लेकिन वह अभी तक बीमार है। मानसिक तौर पर भी और शारीरिक तौर पर भी। उस दिन से वह स्कूल नहीं गई है। घर के अंदर ही वह कैद रहने लगी है। वह अक्सर अकेले बैठी हुई कुछ न कुछ सोचती रहती है। रिया ही नहीं उसके माता-पिता भी उस दिन की घटना से सहमे हुए हैं। हमें डर लगता है इसलिए हम उसे अकेला नहीं छोड़ते। उन्हें घर पर भी बेटी की चिंता सताती है.                                                                                                                                                     महिला संगठनों ने किया प्रदर्शन

 न्यू आगरा इलाके में छह साल की मासूम का रेप होने के बाद हुई उसकी मौत को लेकर महिला संगठनों का आक्रोश फ्राइडे को कलक्ट्रेट में फूट पड़ा। महिलाएं इकट्ठा होकर कलक्ट्रेट पहुंची और डीएम को इस मामले में ज्ञापन सौंपा। उसकी एक कॉपी यूपी के डीजीपी, सीएम और प्रमुख सचिव गृह को भी भेजी गई है।

नहीं मिले एसएसपी

महिलाएं जब एसएसपी सुनील चंद्र वाजपेयी से मिलने पहुंची तो उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया। इसके बाद महिलाएं डीएम ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गईं। महिलाओं का कहना था कि आगरा काफी अनसेफ हो चला है। छोटी-छोटी बच्चियों के साथ रेप हो रहे हैं। पुलिस कुछ नहीं कर रही है। अस्पताल में इलाज न मिल पाने के चलते बच्चियों की मौत हो रही है। प्रदर्शन करने वाली महिलाओं में डॉ। कुंदनिका शर्मा, वत्सला प्रभाकर, पूनम कटोच, शीला बहल, रीता, प्रीति समेत काफी महिलाएं मौजूद थीं।