BAREILLY: जोगी नवादा के वनखंडी नाथ निवासी वीरपाल और राजकुमारी को जैसे ही बेटी डॉली के जलने की सूचना मिली वह मौके पर दौड़ते हुए पहुंचे। राजकुमारी बेटी को देखते ही बोली कि बेटी को मार दिया गया है। मेरी बेटी सुसाइड नहीं कर सकती है। वहीं वीरपाल ने बेटी का शव बुरी तरह जला हुआ जमीन पर पड़ा देखा तो वह बदहवास हो गए। बोले कि मार दी गई मेरी बेटी। सुसाइड नहीं करती तो घर पर भी कर सकती थी यहां क्यों आती।

 

8 वर्ष से घर का काम करती थी युवती

निजी स्कूली की शिक्षिका अर्चना चौधरी ने बताया कि उनके घर पर जोगी नवादा वनखंडी नाथ मंदिर के पास रहने वाली डॉली 19 वर्षीय करीब 8 वर्षो से काम करती है। मंडे शाम और ट्यूजडे सुबह को वह काम पर नहीं पहुंची, जिससे सुबह उन्होंने घर का काम खुद निपटाया और स्कूल चली गई। पति पीयूष चौधरी बैंक और बेटा अपनी शॉप पर कमरों का ताला बंद कर चला गया। इसी बीच दोपहर को करीब एक बजे उनके पास फोन पहुंचा कि घर में काम करने वाली डॉली ने सुसाइड कर लिया है। सूचना पर जब वह घर पहुंची तो पड़ोसियों ने बताया कि उन्होंने 1 बजे छत पर डॉली को छत पर जलते हुए देखा तो तुरंत फायर ब्रिगेड का सूचना दी और खुद आग बुझाने की मशक्कत की, लेकिन जब तक फायर ब्रिगेड पहुंची तब तक काफी देर हो चुकी थी।


आईजी ने भेजी फायर ब्रिगेड

आग से घिरी डॉली की चीख सुनकर मकान बना रहे लेबर और सामने मकान में रहने वाली रेखा सिंह कातिब ने देखा तो उनके होश उड़ गए। उन्होनें तुरंत पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। लेकिन फायर ब्रिगेड का टोल फ्री नम्बर आधा घंटा तक लगा ही नहीं जिसके बाद उन्होंने आईजी डीके ठाकुर को फोन पर सूचना दी। जिसके बाद कहीं जाकर फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची, लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ी बड़ी होने के चलते मौके तक नहीं पहुंच सकी। जिसके बाद छोटी गाड़ी मंगवाई गई तब तक डॉली की मौत हो चुकी थी।

 

डॉली बोली आखिरी मेहंदी

मोहल्ले वालों की माने तो करीब 15 दिन पहले डॉली ने मोहल्ले की ही एक लड़की से हाथों में मेहंदी लगवाई थी। मेहंदी लगवाते समय डॉली ने उससे कहा कि हो सकता है कि उसकी आखिरी मेहंदी हो सकती है यह। जब मेहंदी लगा रही लड़की ने उससे पूछने की कोशिश की तो डॉली ने बात को घुमा दिया और पूरी बात नहीं बताई। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि कहीं न कहीं उसे इस बात का अहसास था।


दो माह पहले तय हुई थी शादी

मृतका डॉली के पिता ने बताया कि उनके बड़ी बेटी राखी की शादी हो चुकी है। उससे छोटी डॉली की दो माह पहले एटा नगरिया शेरवानी में शादी तय कर चुके थे। उसकी शादी होने वाली थी। जबकि डॉली से छोटा बेटा अरूण और उससे छोटी बेटी ज्योति है। बेटा अरूण हाईस्कूल पास कर चुका है। जबकि ज्योति कक्षा छह में पढ़ाई करती है। लेकिन डॉली पढ़ी लिखी नहीं थी। वह घरों में काम करती थी। वीरपाल ने बताया कि वह मोहल्ले में चाट का ठेला लगाते हैं.

 

अनसुलझे सवाल

-मृतका की मालकिन का कहना कि डॉली सुबह-शाम को काम पर आती थी। जबकि मोहल्ले वालों का कहना कि शाम के समय डॉली को कभी नहीं देखा।

-डॉली मंडे को काम पर नहंी पहुंची और ट्यूजडे सुबह को नहीं तो वह दोपहर के वक्त घर पर क्यों गई।

-क्या डॉली को किसी से मिलने आई थी या फिर उसे बुलाया गया।

-अगर सुसाइड तो अपने घर पर क्यों नहीं किया और खुला एरिया क्यों चुना।

-ज्वलनशील पदार्थ कहां से आया, जिससे इतनी तेजी से आग लगी।

- कमरे की टेबल पर रखा दाल, चावल और पराठा तैयार खाना किसने बनाया।

-खाना मालकिन ने बनाया तो किसी ने खाया क्यों नहीं।

- यदि डॉली कपड़ा धुलने आई थी, तो वॉशिंग मशीन चलाने के लिए लगाया जाने वाल एक्स्टेंशन बोर्ड कमरे में था, ऐसे में क्यों आई।

 

 

मामले की जांच की जा रही है। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। मामला संदिग्ध नजर आ रहा है। फिलहाल, पुलिस हत्या, आत्महत्या और हादसा तीनो बिंदुओं पर काम कर रही है।

अभिनंदन, एसपी सिटी