मनचलों से परेशान छात्रा ने डीजीपी से क्राइम अगेंस्ट पोर्टल पर की आनलाइन शिकायत

दर्द की पूरी दास्तां, बरेली पुलिस पर नहीं रहा है भरोसा

पढ़ाई छोड़ चुकी है छात्रा, कार्रवाई न होने पर कठोर कदम उठाने पर होगी मजबूर

BAREILLY: महिलाओं की सेफ्टी के तमाम बड़े-बड़े दावे के बावजूद छेड़छाड़ की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। सुभाष नगर का एक ताजातरीन वाकया तो रोंगटे खड़ा कर रहा है। जहां एक लड़की बीते एक वर्ष से घुटन भरी जिंदगी जी रही है। खुली हवा में उसका सांस भी लेना दूभर हो गया है, क्योंकि मनचले कभी भी उसके दरवाजे तक चढ़ जाते हैं और लड़की का नाम लेकर अश्लील बातें करते हैं। गांव के ही दबंग मनचलों के खिलाफ किसी में भी जुबान खोलने की हिम्मत नहीं है। चारों तरफ से असहाय महसूस कर लड़की ने पढ़ाई भी छोड़ दिया और घर की चहारदीवारी में सिमट गई। लड़की की यह दांस्ता चहारदीवारों से बाहर आयी है। जब लड़की ने डीजीपी से मामले की शिकायत क्राइम अगेंस्ट वूमेन पोर्टल पर आनलाइन पर की।

बदनामी के डर से रही चुप

मैं अंशिका (परिवर्तित नामम) क्ख्वीं क्लास की स्टूडेंट हूं। हम बरेली जिले के करेली गांव के रहने वाले हैं। मेरे पिता घर में ही एक छोटी से दुकान चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। मेरे कुल चार भाई बहन हैं। मेरे पिता जी ने गरीबी की मार झेलने के बावजूद हम बहनों को पढ़ाकर हमारे सपने पूरे करने का जिम्मा उठाया ताकि उनकी बेटियां लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकें। लेकिन गांव के ही कुछ अपराधी किस्म के लड़कों ने हमारी जिंदगी नरक बना दी है। लड़कों के द्वारा लगातार छेड़खानी से मैं तंग आ चुकी हूं। इन्हीं गुंडों की वजह से मेरी पढ़ाई भी छूट गई है। मैं अब तक अपनी बहनों की बदनामी और शादी में डर से सबकुछ चुपचाप सहते चली आ रही थी। अब ये गुंडे मेरी और मेरे परिवार वालों की जान लेने पर तुले हुए हैं। इसलिए मुझे अब इन गुंडों के खिलाफ आवाज उठानी पड़ रही है ताकि इन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके। मुझे उम्मीद है कि आप मेरी प्रार्थना पर जरूर ध्यान देंगे।

डर के चलते रिजल्ट गया खराब

करीब एक साल पहले फरवरी ख्0क्ब् में दो युवकों ने मुझे स्कूल आते-जाते समय रास्ता रोककर छेड़ना शुरू कर दिया। जब मैंने इस बारे में अपने पिता को बताया तो उन्हें मेरी चिंता हुई और मुझे लड़कों से बचकर रहने के लिए आगाह किया। मेरे पिता ने डरते हुए मुझसे कहा कि युवकों के परिवार वालों पर कई आपराधिक मुकदमें चल रहे हैं अगर हम लोगों ने उनसे कुछ कहा तो वो हमारे साथ कुछ भी कर सकते हैं। पिता के डर के चलते मैं भी काफी डर गई। जैसे-तैसे मैनें अप्रैल ख्0क्ब् में ग्याहरवीं की एग्जाम दिया। मैंने काफी तैयारी की थी लेकिन मनचलों के डर के चलते परीक्षा खराब गई और नंबर भी काफी कम आए। एग्जाम के दौरान भी लड़कों ने मेरा कई बार रास्ता रोककर मुझे परेशान किया। इन सबका नतीजा यह रहा कि परिवार वालों ने मेरा क्ख्वीं एडमीशन ही नहीं कराया और मेरी पढ़ाई छूट गई। पढ़ाई छूटने से मेरे सारे सपने टूट गए और मैं हताश हो गई।

इतना सबकुछ होने के बाद भी गुंडों ने मेरा पीछा नहीं छोड़ा। मैं जब भी घर से किसी काम के लिए बाहर निकली तो मनचलों ने उसपर फब्तियां कसी और गंदे-गंदे इशारे किए। यहां तक कि मैनें घर से निकलना भी बंद कर दिया। ख्9 दिसंबर ख्0क्ब् की बात है मेरे पिता जी किसी काम से बाहर गए हुए थे और मैं दुकान संभाल रही थी। इस दौरान दोनों युवक फिर से आ गए तो मैं दुकान बंदकर अंदर चली गई। अगले दिन रात में करीब क्0 बजे दोनों युवक आए और घर का दरवाजा पीटने लगे। सभी लोग सो चुके थे। गुंडे मेरा नाम लेकर अश्लील बातें कर चिल्लाने लगे। पिता जी बाहर निकले और पुलिस बुलाने की धमकी दी तो दोनों वहां से चले गए लेकिन अगले दिन फिर सुबह दोनों तीन अन्य साथियों के साथ पहुंचे और पिता जी के साथ मारपीट की और हवाई फायरिंग कर जान लेने का भी प्रयास किया। हमारे शोर मचाने पर मोहल्ले वाले इकट्ठा हो गए तो सभी वहां से भाग निकले। सबसे पहले मैंने पिता जी को प्राइवेट क्लीनिक में दवाई दिलाई और मामले की शिकायत सुभाषनगर थाना में जाकर की।

दद करने वालों को मिल रही धमकी

सुभाषनगर थाना पुलिस ने पिता जी की हालत देखने और गुहार लगाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। थाना पुलिस से निराश होकर पिता जी ने क् जनवरी को एसएसपी आफिस में जाकर शिकायत की। चार-पांच दिनों तक कार्रवाई न होने पर भ् जनवरी को एसपी सिटी से जाकर शिकायत की। तहसील दिवस में दिए गए आवेदन पर एफआईआर तो दर्ज हो गई लेकिन गुंडे अभी भी खुलेआम घूमकर पुलिस और प्रशासन का माखौल उड़ा रहे हैं। वे गवाहों को गवाही देने पर जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं। हमें थाने की ओर दोबारा जाने पर मेरी और मेरी बहनों की जिंदगी बर्बाद करने की धमकी दी जा रही है। गांव वालों को भी सहयोग करने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है

मेरी प्रार्थना पर हो कार्रवाई

इन सब हालातों में मेरी प्रार्थना है कि यदि मेरे और मेरी बहनों के साथ कुछ होता है तो इसके लिए दोनों युवकों और उनके तीन साथियों को जिम्मेदार माना जाए। इस मामले में जुड़े किसी अन्य शख्स के साथ कुछ भी होगा तो उसके लिए पांचों ही जिम्मेदार होंगे। तत्काल गुंडों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए ताकि हम मानसिक उत्पीड़न और असुरक्षा की भावना से बच सकें। मेरा स्कूल में प्रवेश कराया जाए और मुझे सुरक्षा प्रदान की जाए। मुझे उम्मीद है कि पुलिस प्रशासन मेरी मदद करेगा। यदि अपराधियों पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो मैं अपने परिवार के साथ कठोर निर्णय लेने के लिए बाध्य हो जाउंगी।

मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। मामला गंभीर है, जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी करायी जाएगी। मामले की गंभीरता से जांच भी करायी जाएगी।

विजय सिंह मीना, आईजी बरेली