हेडिंग के नीचे:: परनीता तिर्की की दास्तान सुन रो पड़ीं शिक्षा मंत्री, वेतन से देंगी 50 हजार

RANCHI: मजदूरी कर पढ़ाई के लिए संघर्ष कर रही रांची यूनिवर्सिटी की छात्रा की कहानी सुन कर शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव की आंखें मंगलवार को भर आई। मौका था रांची यूनिवर्सिटी के भ्म्वें स्थापना दिवस का। आर्यभट्ट सभागार में आयोजित समारोह में जब एसएस मेमोरियल कॉलेज की बीए पार्ट टू की छात्रा परनीता तिर्की को सम्मानित करने के लिए मंच पर बुलाया गया, तो वह रो पड़ीं। इस पर चीफ गेस्ट शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने उनसे रोने का कारण पूछ दिया। इसके बाद परनीता ने मजदूरी व खेल के बीच अपनी पढ़ाई की दास्तान सुनाई, तो मंत्री भी अपने आंसू रोक नहीं पाई। मंत्री ने परनीता का हौसला बढ़ाया और अपनी सैलरी से भ्0 हजार रुपए उसे देने की मंच से घोषणा कीं।

क्या है दास्तान

रांची के सुंडिल गांव की रहने वाली फुटबॉलर परनीता नेशनल चैंपियनशिप में तीन बार खेल चुकी है। अभी हाल ही में आयोजित ईस्ट जोन फुटबॉल टूर्नामेंट में उसने तीसरा स्थान हासिल किया है। ईस्ट जोन वीमेंस टूर्नामेंट में परनीता कैप्टन भी रह चुकी हैं। पिता नहीं हैं। मां हडि़या बेचकर घर का खर्च चलाती है। खुद की पढ़ाई और अपने छोटे भाई की पढ़ाई के लिए परनीता दिहाड़ी मजदूरी करती है। इससे समय निकालने के बाद परनीता कांके डैम के पास फ्0 लड़कियों को फुटबॉल की ट्रेनिंग देती हैं। फीस के तौर पर हर खिलाड़ी से हफ्ते में मात्र क्0 रुपए लेती हैं। इधर मजदूरी से परनीता के फ्000 हजार रुपए की आय हो जाती है। महीने में करीब क्0 से क्ख् दिन वह मजदूरी करती है। उसने बताया कि वह नेशनल गेम खेलने जाने के लिए भी अपने ही पैसों का यूज करती है।