- केजीएमयू का अडि़यल रवैया, नाराज छात्राएं धरने पर बैठी

- लगाया आरोप, बिना किसी पूर्व सूचना के निकाला गया

LUCKNOW: किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में मेडिकल की पढ़ाई कर रही 2011 बैच की छात्राओं का धैर्य उस समय बोल गया, जब केजीएमयू प्रशासन का अडि़यल रवैया उनके बर्दाश्त के बाहर हो गया। नाराज छात्राओं ने एडमिन ब्लॉक के बाहर जमकर हंगामा किया और बाद में धरने पर बैठ गई। उन्होंने केजीएमयू प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। हंगामा कर रही छात्राओं का कहना था कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनको हॉस्टल से बाहर कर दिया है। ऐसे में वह अचानक से हॉस्टल छोड़कर कहा जाएं।

बाथरूम और मेस में रखा अपना सामान

केजीएमयू प्रशासन के इस रवैए के कारण छात्राओं को मजबूरी में हॉस्टल के मेस और बाथरूम में अपना सामान रखना पड़ा। यह पूरा मामला केजीएमयू के विजय लक्ष्मी हॉस्टल का है, यहां की छात्राओं का आरोप है कि उन्हें हॉस्टल खाली करने के लिए मोहलत नहीं दी गई, जो कि गलत है। उन्होंने अपनी बात केजीएमयू प्रशासन तक पहुंचाने की भी कोशिश की लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए मजबूरन उन्हें सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।

वीसी का आर्डर बना हंगामे का वजह

केजीएमयू वीसी डॉ। रविकांत ने पढ़ाई पूरी कर इंर्टनशिप के लिए बाहर जाने वाले छात्र-छात्राओं पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। उनको यूनिवर्सिटी से ही इंटर्नशिप करने का ऑर्डर जारी कर दिया। छात्राओं का कहना है कि जब वीसी ने खुद ऑर्डर जारी कर कहा है कि छात्र यहीं से इंटर्नशिप करेंगे, तो उनके रहने का इंतजाम भी यूनिवर्सिटी प्रशासन को करना चाहिए।

31 मार्च का समय भी निर्धारित

छात्राओं ने बताया कि कोर्स पूरा करने के बाद यूपी मेडिकल फैकेल्टी से रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है। इसके लिए 31 मार्च तक का समय निर्धारित है। इसके बाद भी हॉस्टल के कर्मचारी बिना नो ड्यूज पास कराए छात्राओं का कमरा जबरदस्ती खाली कराकर उनका समान कमरे के बाहर रख देते हैं। छात्राओं ने बताया कि पिछले कई दिनों से यूनिवर्सिटी और हॉस्टल प्रशासन के इस रवैये से परेशान थे। जिस कारण से मंगलवार को छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा। वीएल हॉस्टल में रहने वाली करीब 60 छात्राओं ने एडमिन ब्लॉक के बाहर जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया।

हॉस्टल में रहने दिया जाए

छात्राओं का कहना है कि जब इंर्टनशिप केजीएमयू में ही करनी है तो उनको यहीं हॉस्टल में रहने की व्यवस्था करानी चाहिए। अभी यूनिवर्सिटी का नया बैच अगस्त में आना है, जिसमें छह मंथ का समय है। ऐसे में उनको अभी से हॉस्टल से निकालकर यूनिवर्सिटी प्रशासन जानबूझकर उन्हें परेशान कर रहा है। छात्राओं का कहना है कि यूनिवर्सिटी का दूसरा हॉस्टल बन रहा है, जिसका निर्माण कार्य लगभग पूरा होने को है। ऐसे में यूनिवर्सिटी नए सेशन तक हॉस्टल का निर्माण पूरा करा ले। तब तक उन्हें हॉस्टल में रहने की अनुमति प्रदान कर दे।