-11 से 14 वर्ष की नॉन एजुकेटेड व बीच में स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों को बनाया जाएगा आत्मनिर्भर व सक्षम

-प्रदेश सरकार ने एडोलेसेंट ग‌र्ल्स स्कीम किया लांच, बनाया जाएगा वीरांगना दल, सखी और सहेलियों का होगा चयन

पढ़ने-लिखने की उम्र में अगर किशोरियां पढ़ाई पूरी होने से पहले ही स्कूल जाना छोड़ दें और आगे पढ़ने की इच्छा होने के बाद भी पेरेंट्स उनका साथ देने के बजाए घरों की चारदीवारी में कैद कर दें तो इससे उनका मनोबल टूटने लगता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। प्रदेश सरकार ऐसी किशोरियों के लिए आशा की किरण बनी है। 11 से 14 वर्ष की नॉन एजुकेटेड व बीच में स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों को सक्षम और आत्म निर्भर बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग एडोलेसेंट ग‌र्ल्स स्कीम की शुरुआत की है। इसके तहत स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों को मुख्यधारा में लाकर वापस स्कूल लाया जाएगा।

30 किशोरियों का होगा वीरांगना दल

खास ये है कि स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों का आंगनवाड़ी केन्द्रों पर अलग-अलग वीरांगना दल भी तैयार किया जाएगा, जो दूसरी किशोरियों को स्कूल लाने व ब्रिज कोर्स के लिए प्रेरित करेंगी। इसके साथ उन्हें कौशल विकास मिशन से भी जोड़ा जाएगा। जिससे किशोरियां शिक्षित और सशक्त बन सकें। एक दल में करीब 25 से 30 किशोरियों को चिन्हित किया जाएगा। इनमें से 3 किशोरियों को टीम लीडर बनाया जाएगा। जिसमें एक वीरांगना सखी और दो किशोरियों को वीरागंना सहेली बनाया जाएगा।

मुख्य सेविका देंगी ट्रेनिंग

वीरांगना सखी व सहेलियों को क्षेत्रीय मुख्य सेविका द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे एरिया की दूसरी किशोरियों को भी स्कूल लाने के साथ योजना का लाभ दिला सकें। सभी सखी-सहेलियां एक साल तक सेवा देंगी। इनकी मॉनिटरिंग जिला कार्यक्रम अधिकारी करेंगी।

स्वास्थ्य का भी रखा गया ख्याल

किशोरियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनके लिए पौष्टिक आहार की भी व्यवस्था की गई है। इन्हे हर माह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशियन के मानक के अनुरूप पोषाहार दिया जाएगा। जिसमें कैलोरी, प्रोटीन, फैट, आयरन, कैल्शियम, जिंक विटामिन, और फोलिक एसिड पोषक तत्व शामिल होंगे। यही नहीं हर चार माह पर 450 ग्राम देशी घी भी दी जाएगी।

कैसा होगा पोषाहार

खाद्य पदार्थ- (ग्राम में)डेली -मंथली बाजरा 70 1750

रागी 20 500

ज्वार 40 1000

मक्का 60 1500

कोदो 20 500

कठिया गेहूं 50 1250

देशी काला चना 100 2500

अरहर दाल 40 1000

देशी घी 4.5 112.50

ये मिलेंगी सुविधाएं

- किशोरियों में आत्मविश्वास पैदा करने के लिए सक्षम बनाया जाएगा

- उनके न्यूट्रीशन और हेल्थ लेवल में सुधार लाया जाएगा

- हेल्थ सेंटर, पुलिस, बैंक, डाकघर, जैसी पब्लिक व इमरजेंसी सर्विस के बारे में बताया जाएगा

-स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ सामाजिक व कानूनी मुद्दों की दी जाएगी जानकारी

- सभी किशोरियों का आंगनबाड़ी सेंटर पर हेल्थ कार्ड तैयार किया जाएगा

-हर माह की 8 तारीख को किशोरी दिवस मनाया जाएगा

- किशोरियों को पेयजल, टॉयलेट, सैनेट्री नैपकिन व अन्य के इस्तेमाल को लेकर जागरुक किया जाएगा

-सखी सहेलियों का रोटेशन के आधार पर 4 महीने का कार्यकाल होगा।

इस स्कीम की जानकारी मिली है। शासन ने बेहतरीन पहल की है। प्रवासी सम्मेलन से फ्री होते ही इसे लागू किया जाएगा। इसके साथ ही प्राइमरी शिक्षा के दौरान स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों को चिन्हित कर वीरांगना दल बनाया जाएगा।

मंजू वर्मा, सीडीपीओ प्रभारी

फैक्ट फाइल

-3914 आंगनबाड़ी केन्द्र है बनारस में

-991

आंगनबाड़ी केन्द्र है शहर में

-5,12,818 किशोरियों को प्रदेश में चिन्हित किया गया है

-09

रूपया प्रति किशोरी डेली खर्च करेगी सरकार

- 300 दिनों तक टेक होम योजना के तहत घर पर दिया जाएगा पोषाहार

- 600 कैलोरी, 18 से 20 ग्राम प्रोटीन और माइक्रोन्यूट्रीयन्टस डेली मिल सकेंगे