10 मिनट में हो गया सारा काम

ट्यूजडे शाम पांच बजे स्वाति को महिला थाना में लाया गया था। रात में आठ बजे से प्रेमनगर थाना की लेडी कांस्टेबल रेखा की वहां ड्यूटी थी। रेखा के अनुसार, वेडनसडे सुबह करीब साढ़े चार बजे वह वाशरूम गई थी, उस दौरान महिला थाना में लेडी कांस्टेबल ममता यादव, एक होमगार्ड, लड़की की मां के साथ एक अन्य पीडि़ता भी मौजूद थी। करीब दस मिनट बाद जब वह लौटी तब लड़की गायब थी। उसने जब वहां मौजूद लेडी कांस्टेबल से पूछा तो वह कोई जबाव नहीं दे सकी।

पुलिस कराती थी फोन पर बात

लड़की की मां का कहना है कि पुलिस पर पहले से ही संदेह था। पुलिसकर्मी उनकी बेटी की चोरी छिपे आरोपियों से फोन पर बात कराते थे। यही नहीं उन्हें बेटी के पास रुकने नहंीं दिया जाता था। ट्यूजडे रात करीब दस बजे पुलिस ने उन्हें वहां से घर जाने के लिए कहा। लेकिन वह थाना के अंदर ही सो गई।

 

दोनों SHO पर आरोप

स्वाति के पिता वीरपाल ने वेडनसडे डीआईजी से शिकायत की है कि ट्यूजडे शाम करीब सात-आठ बजे के आसपास प्रेमनगर इंस्पेक्टर रंजीत यादव दो-तीन लोगों के साथ थाना में आए। उन्होंने महिला इंस्पेक्टर कृष्णा थापा के रूम में जाकर बातचीत की। आरोप है कि फिर से लड़की को अगवा कर लिया है।

एक-दूसरे पर आरोप

इस बीच महिला थाना और प्रेमनगर पुलिस एकदूसरे  पर पूरे मामले का ठीकरा फोडऩे में लगे रहे। इंस्पेक्टर प्रेमनगर का कहना है कि लड़की महिला थाना में थी, हमारे यहां से कोई वास्ता नहीं है। जबकि महिला थाने की इंस्पेक्टर कृष्णा थापा ने कहा कि ट्यूजडे के बाद उनके यहां लड़की आई ही नहीं।  

कौन है स्वाति

अदलखिया इज्जतनगर निवासी वीरपाल पटेल ने 11 सितंबर को डीआईजी आरकेएस राठौर से शिकायत की थी कि उनकी बेटी को नौकरी के बहाने ओएमआई कंपनी का मैनेजर राहुल ले गया था। कंपनी के डायरेक्टर नितिन व अन्य की हेल्प से स्वाति को अदर स्टेट में भेज दिया था। डीआईजी के आदेश पर 12 सितंबर को प्रेमनगर थाना में राहुल व नितिन के खिलाफ नाबालिग लड़की के अपहरण की एफआईआर दर्ज कर ली गई थी। 13 सितंबर को स्वाति खुद ही प्रेमनगर थाना पहुंच गई। लड़की ने बयान दिए कि उसके मां-बाप ने झूठी शिकायत की है। मैनेजर व डायरेक्टर की गलती नहीं है।

कोर्ट में था बयान

लड़की को महिला थाना में सेफ्टी के लिए रखा गया। इसके लिए प्रेमनगर थाना से भी एक लेडी कांस्टेबल की दिन व रात में ड्यूटी लगाई गई थी। पुलिस को लड़की के कोर्ट में बयान कराने थे लेकिन पहले मेडिकल रिपोर्ट न मिलने और फिर लगातार छुट्टियों के चलते उसका मेडिकल नहीं हो सका। वेडनसडे को उसका बयान होना था।

'दोनों महिला कांस्टेबल को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया है। अन्य की भूमिका भी जांच की जा रही है। लड़की की तलाश करने का आदेश दिया है। उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत उसकी मर्जी से भेजा जाएगा। '

-आरकेएस राठौर, डीआईजी बरेली