बुधवार देर रात जब रीता की बॉडी को पंखे से लटकता देखा तो दंग रह गए। बताया जा रहा है कि एमए की स्टूडेंट रीता पेट दर्द से परेशान थी। कल्याणपुर, नानकारी में रहने वाले भवानी प्रसाद आईआईटी में क्लर्क हैं। दो बेटे और पांच बेटियां है। रीता केवीएम से एमए कर रही थी। भवानी प्रसाद ने बताया कि बेटी के पेट में कीड़े थे। पेट दर्द से वह काफी परेशान रहती थी। ट्रीटमेंट चल रहा था लेकिन उसे आराम नहीं मिल रहा था। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले मुंबई में रहने वाले उनके डिपार्टमेंट के एक अधिकारी की बेटी ने सुसाइड कर लिया था। इसी दिन गीता ने कहा कि पापा अगर मैं भी सुसाइड कर लूं तो क्या करोगेमैंने इसे मजाक समझा और बात यहीं खत्म हो गई. देर रात गीता ने पंखे से झूलकर जान दे दी। उसने कोई सुसाइड नोट भी नहीं लिखा है.

वेडनेसडे को बर्रा निवासी शिवप्रसाद की छोटी बेटी मानसी ने जहर खाकर सुसाइड कर लिया था। घरवालों के मुताबिक मानसी डिप्रेशन का शिकार थी। उसके टेस्ट में कम मॉक्र्स आए थे। मगर, यह बात न तो स्कूल वालों के गले उतर रही है और न पड़ोसियों के। स्कूल के ऑफिस इंचार्ज संजीव अग्रवाल ने बताया कि मानसी टैलेंटेड थी। छुïट्टी के बाद मानसी अपनी फ्रेंड राधिका के साथ घर गई थी। दोनों स्कूल और ट्यूशन साथ आती-जाती थीं। वो रेगुलर स्टूडेंट थी। क्लास में जब तक उसे टॉपिक क्लियर नहीं हो जाता वो टीचर से पूछती रहती थी। उधर, मोहल्ले वालों को भी यकीन नहीं हो रहा कि मानसी अब उनके बीच नहीं है। एरिया के लोगों के मुताबिक मानसी स्ट्रेट फॉरवर्ड थी। मानसी के सुसाइड के नेक्स्ट-डे स्कूल में कंडोलेंस नहीं हुई। प्रिंसिपल सुषमा के मुताबिक मानसी की मौत दुखद है। मगर, इससे दूसरे स्टूडेंट्स को दूर ही रखना चाहती हैं। उन्होंने मीडिया से मुद्दे को ज्यादा न उछालने की रिक्वेस्ट की. 

कुछ पता नहीं चला

मानसी और उसकी बड़ी बहन कुलिका रात में फेसबुक पर फ्रेंड्स से चैट करने के बाद ही सोती थीं। हालांकि, प्राइवेसी सेटिंग होने की वजह से मानसी की फेसबुक प्रोफाइल ब्लॉक है.  इस बारे में पुलिस को भी कोई जानकारी नहीं है.

घरवालों ने पुलिस पर उठाए सवाल

वेंटिलेटर पर लेटी शालिनी की सांसें टूटती जा रही हैं। पिछले 13 दिनों में एक पल के लिए भी उसे होश नहीं आया है। थर्सडे को डॉक्टर्स ने फिर से मेडिसिंस देकर एक और कोशिश की। दूसरी तरफ पूरे मामले में पुलिस के रवैए को लेकर घरवाले सवाल खड़े कर रहे हैं। शालिनी की इस हालत के लिए कौन जिम्मेदार है, इसका पता पुलिस नहीं लगा पाई है। घरवालों का आरोप है कि पुलिस जानबूझकर मामले में ढिलाई बरत रही है। पुलिस चाहे तो एक घंटे के अंदर शालिनी के गुनहगारों का पता लगाकर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा सकती है।