RANCHI: ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार खूंटी जिले के मुरहू की नाबालिग लड़की को पंजाब पुलिस की मदद से झारखंड पुलिस ने रेस्क्यू कर लिया है। शुक्रवार को पुलिस टीम लड़की को लेकर गरीब रथ एक्सप्रेस से रांची पहुंच जाएगी। वहीं, इस दौरान पुलिस टीम ने दो मानव तस्करों को भी अरेस्ट किया है, जिन्हें रांची लाया जा रहा है। महज बीस दिनों में दलालों ने इस नाबालिग को दो बार बेच कर मोटी रकम बना ली है। चूंकि हरियाणा और पंजाब में लड़कियों की कमी है, इस कारण भी झारखंड की लड़कियों को वहां भेज कर शादी कराई जा रही है। पंद्रह साल की उम्र में ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार हुई यह लड़की दलालों के चंगुल से तो बच निकली, लेकिन ऐसी हजारों लड़कियां इस वक्त मेट्रो सिटी और अन्य शहरों में बेबसी के दिन काट रही हैं।

मेट्रो सिटी में 200 प्लेसमेंट एजेंसियां बेच रहीं बेटियां

मेट्रो सिटी में घरेलू काम दिलवाने, अच्छी कमाई और शादी का झांसा देकर हर महीने कई लड़कियों को ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार बनाया जा रहा है। सीआईडी के आंकड़े के अनुसार इस वक्त 200 से भी ज्यादा प्लेसमेंट एजेंसियां सिर्फ दिल्ली और एनसीआर रीजन में काम कर रही हैं, जहां झारखंड से लड़कियां ले जाकर बेच दी जाती हैं। श्रम विभाग के सर्वे के अनुसार इस वक्त 45,000 बच्चे काम के सिलसिले में राज्य से बाहर हैं, इनमें 33,000 से भी ज्यादा संख्या लड़कियों की है। दिल्ली और अन्य शहरों में घरेलू काम में लगाई गई ये लड़कियां काफी दयनीय स्थिति में काम कर रही हैं। कई जगहों पर उन्हें मानसिक के साथ-साथ शारीरिक प्रताड़ना का शिकार भी होना पड़ रहा है। इनमें से लगभग 70 प्रतिशत से भी ज्यादा महिलाओं और लड़कियों को जबरन फ्लेश ट्रेड में धकेला जाता है। सर्वे में जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार अधिकतर लड़कियां 20 साल से कम उम्र की हैं, जिन्हें उनके काम के बदले काफी कम पैसे दिए जाते हैं।

पंजाब-हरियाणा में शादी के नाम पर लड़कियों की हो रही तस्करी

प्लेसमेंट एजेंसियां और दलालों के चंगुल में फंसी लड़कियों को पंजाब और हरियाणा में शादी के पर्पस से ले जाकर भी बेचा जा रहा है। कम लड़कियों वाले इन क्षेत्रों में अब झारखंड से कम उम्र की लड़कियों को जाकर शादी के नाम पर बेच कर लाखों की वसूली हो रही है। रांची पुलिस ने मुरहू की नाबालिग लड़की को छुड़ाकर इसमें बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ऐसे मामलों में एजेंट घरवालों और गार्जियन को भी मोटी रकम का लालच देकर उनकी बेटियों को बाहर ले जा रहे हैं।

स्टेट रिसोर्स सेंटर में करें शिकायत, जल्द होगी कार्रवाई: संपत मीणा

ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर नकेल कसने के लिए झारखंड पुलिस के अलावा स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। सीआ‌ई्रडी आईजी संपत मीणा ने बताया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग के बढ़ते दायरे पर लगाम कसने और इसके पीडि़तों की सहायता के लिए स्टेट रिसोर्स सेंटर मददगार होगा। डोरंडा स्थित सीआईडी मुख्यालय परिसर में राज्य सरकार की ओर से सेंटर की स्थापना की गई है। इसके जरिए 24 घंटे लोगों को मदद मिलेगी, जहां पीडि़तों की सहायता के साथ जानकारी भी दी जाएगी। सेंटर के हेल्पलाइन नम्बर पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है, इस पर तुरंत कारवाई की जाएगी।

हाइलाइट्स

दिल्ली सहित अन्य शहरों में मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेल रहीं झारखंड की लड़कियां

45,000 बच्चे इन दिनों काम के सिलसिले में हैं राज्य से बाहर

70 फीसदी राज्य से बाहर इन लड़कियों को जबरन फ्लेश ट्रेड में धकेला जा रहा है

20 साल से कम उम्र की इन अधिकतर लड़कियों को काम के बदले काफी कम मिल रहा है पैसा