- साल दर साल महिला अपराध के आंकड़ों में हो रही बढ़ोत्तरी
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LUCKNOW : देश को आजाद हुए 71 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस बार हमने 15 अगस्त को आजादी की 72वीं वर्षगांठ मनाई, लेकिन देश की बेटियों को अब भी उनके साथ होने वाली घटनाओं से पूरी तरह से आजादी नहीं मिली है। आंकड़ों पर अगर गौर किया जाए तो साल दर साल इनमें इजाफा होता जा रहा है। यूपी में महिलाओं के साथ हर दिन 8 रेप और 30 अपहरण की घटनाएं हो रही हैं। महिलाओं के खिलाफ होने वाली अपराध की घटना में हर रोज सौ से ज्यादा एफआईआर लिखी जाती हैं। पिछले तीन सालों की अपेक्षा 2018 में रेप, रेप का प्रयास, छेड़छाड़, अपहरण और दहेज हत्या के मामलों में 24 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं महिला संबंधित अपराधों में बढ़ोत्तरी पर अधिकारियों का दावा है कि महिलाएं जागरूक हुई, जिसकी वजह से मुकदमों में बढ़ोत्तरी हुई है।

महिला उत्पीड़न संबंधित तीन साल का आंकड़ा
अपराध 2018 2017 2016
दहेज हत्या 502 488 481
रेप 899 873 751
शीलभंग 2892 2333 1931
अपहरण 3573 3011 2644
छेड़खानी 248 127 147
महिला उत्पीड़न 3135 2243 2402

योजना तो बनी कारगार नहीं हो रही
महिलाओं की सुरक्षा के लिए बड़े-बड़े दावे किए गए। कई स्कीम और योजना भी शुरू हुई, लेकिन हकीकत यह है कि यह कारगार साबित नहीं हुई। छेड़छाड़ की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए स्कूल कॉलेज के बाहर शिकायत बाक्स, एंटी रोमियो स्क्वॉयड, वूमेन्स पॉवर लाइन 1090, थानों में महिला हेल्प लाइन, नारी शक्ति योजना समेत तमाम कई योजना चलाई गई, लेकिन पूरी तरह से वह भी कारगार साबित नहीं हुई।

अपने ही बना रहे बेटियों को शिकार
पुलिस की जांच में एक आंकड़ा यह भी सामने आया कि रेप, रेप के प्रयास के अलावा छेड़छाड़ व अन्य महिला संबंधित अपराध में दोषी कोई और नहीं बल्कि 'अपने' हैं। महिला संबंधित अपराध में पीडि़त के साथ घटना करने वाले 10 में 8 केस में परिचित और पहचान वाले आरोपी हैं।

शहर में मात्र एक महिला थाना
महिलाओं से संबंधित मामले तीन साल में कई गुना बढ़ गये, लेकिन उनकी सुनवाई को लेकर गाइड लाइन फॉलो नहीं की जा रही है। महिला संबंधित अपराध की जांच और फरियादी की शिकायत सुनने के लिए महिला पुलिस कर्मी का होना जरूरी है। हकीकत यह है कि आज भी पुरुष पुलिस कर्मी के सामने पीडि़ता को अपना दर्द बयां करना पड़ता है। जिले में मात्र एक महिला थाना है, जिसके पास पहले से सैकड़ों केस पेंडिंग हैं।

हेल्प को यहां कर सकती हैं कॉल

समाधान शिकायत निवारण प्रकोष्ठ - 18001805220

वूमेन्स पॉवर लाइन - 1090

पुलिस - 100

निशुल्क विधिक सहायता - 18004190234 और 15100

जल्द शुरू होगी महिला हेल्प लाइन - 181