मार्च से स्लम एरिया में भोजन बांटने का काम कर रही है आरएचए

जिम्मेदारी भरा काम निभा रहे हैं युवा, होटल और रेस्टोरेंट्स भी कर रहे भागीदारी

ALLAHABAD: बचा हुआ खाना फेंकने की बजाय किसी गरीब के पेट तक पहुंचा दिया जाए तो इससे बेहतर क्या होगा? शहर में (आरएचएए) राबिन हुड आर्मी के वालंटियर्स पिछले कई महीनों से इस नेक काम को अंजाम देने में लगे हैं। अलग-अलग एरिया के ये यंगस्टर्स होटल, रेस्टोरेंट्स या मेस का बचा हुआ खाना शहर के स्लम एरियाज में बांटने का काम करते हैं। उनका यह जज्बा देखकर समाज के दूसरे लोग भी मदद को आगे आ रहे हैं।

पांच माह में चली तीस ड्राइव

सामाजिक सरोकार से जुड़े लोगों के लिए आरएचए कोई नया नाम नही है, लेकिन जिस तरह से शहर के युवा इस संस्था से जुड़कर गरीबों की भूख मिटाने का काम कर रहे हैं वह तारीफ के काबिल है। मार्च से शहर में शुरू हुई आरएचए ने अब तक तीस ड्राइव चलाई है, मतलब अलग-अलग होटल या रेस्टोरेंट से बचा हुआ खाना लेकर स्लम्स में भूखों को खिलाया है। इनमें पत्थरगिरिजा घर, सेंट मेरीज, बोट क्लब, झूंसी, नैनी ब्रिज के आसपास के स्लम एरिया शामिल हैं।

अब तक जुड़े 70 राबिनहुड

फर्नीचर व्यवसाई सुहेब सईद ने मार्च में शहर में आरएचए की शुरुआत की। उनके साथ वर्तमान में 25 वालंटियर यानी राबिनहुड रेगुलर जुड़े हैं। 40 मेंबर गाहे-बगाहे अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। सबका एक ही मकसद है फूड वेस्टेज को बचाकर भूखे और गरीबों तक खाना पहुंचाना। इन्हें फिलहाल शहर के तमाम बडे़-छोटे रेस्टोरेंट व होटल्स सपोर्ट कर रहे हैं। कुछ रेस्टोरेंट फ्रेश फूड भी आरएचए को डिस्ट्रीब्यूट करते हैं तो कुछ बचा हुआ खाना रात-देर रात वालंटियर्स को सौंप देते हैं।

पढ़ाई के साथ समाज सेवा

इस नेक काम में हाथ बटा रहे युवा अलग-अलग फील्ड से ताल्लुक रखते हैं। इनमें से बैंकिंग, बिजनेस, एजूकेशन, सिविल सर्विसेज प्रिपरेशन समेत तमाम एरिया से जुड़े हैं। यह सभी मौका मिलते ही आरएचए के साथ मिलकर समाज सेवा करते हैं। बहुत से वालंटियर्स आर्थिक रूप से मजबूत भी हैं लेकिन फिर भी स्लम्स में जाकर बच्चों को न केवल खाना खिलाते हैं बल्कि उनको भविष्य सुरक्षित रखने के तरीके भी बताते हैं। आरएचए इलाहाबाद के हेड सुहेब सईद ने स्वयं एमबीए किया है।

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने भी चलाया था अभियान

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने व‌र्ल्ड हंगर डे पर अभियान चलाकर पूरे व‌र्ल्ड का ध्यान अपनी ओर खींचा था। हमने देश के तमाम शहरों के रेस्टोरेंट्स में लोगों को भूख के मुताबिक खाना आर्डर करने के लिए मोटीवेट किया था, जिससे खाने की बर्बादी को रोका जा सके। पब्लिक ने हमारे इस कदम को सराहते हुए हाफ प्लेट खाने का आर्डर दिया था। यही नहीं दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने लोगों को खाना बचाने की शपथ भी दिलाई थी।

70

सदस्य हैं इलाहाबाद में आरएचए यानी राबिनहुड आर्मी के

40

मेंबर गाहे-बगाहे अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं

30

ड्राइव बीते पांच माह में अब तक चला चुके हैं आर्मी के लोग

06387997883

मोबाइल नंबर पर सूचना देने के साथ ही आर्मी के लोग भोजन कलेक्ट करने के लिए पहुंच जाते हैं

राबिनहुड का उद्देश्य खाने के वेस्टेज को बचाना है। आज हम अपने उद्देश्य को सफलतापूर्वक कर रहे हैं। हमारे साथ बड़ी संख्या में यंग वालंटियर जुड़े हैं। मार्केट का सपोर्ट भी मिल रहा है। हमारे वालंटियर बढ़ेंगे तो भविष्य में राबिनहुड एकेडमी भी खोलेंगे।

सुहेब सईद, हेड, आरएचए इलाहाबाद