RANCHI झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के साथ चेन्नई की जी फॉर एस सिक्योरिटी सोल्यूशन कंपनी ने धोखा किया। कंपनी में प्लेसमेंट मिलने पर चेन्नई भेजे गये अभ्यर्थियों को कहा गया था कि उन्हें सुपरवाइजर का पद दिया जायेगा पर उनसे सिक्यूरिटी गार्ड का काम कराया जाने लगा। काम की बदतर स्थितियों से परेशान इंडस्ट्रियल सिक्यूरिटी कोर्स के आठ अभ्यर्थी काम छोड़ कर लौट आये। चयनित अभ्यर्थियों ने रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय से पीजी डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी का कोर्स किया था। चेन्नई से काम छोड़ कर लौटी अभ्यर्थी सोनमणि कुमारी ने बताया कि झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में हमलोगों ने सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी के लिए दाखिला नहीं लिया था। इतनी पढ़ाई करने के बाद गार्ड की नौकरी हमारी शिक्षा का भी अपमान है।

31 का हुआ था चयन

झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के पीजी डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सिक्यूरिटी सहित अन्य कोर्स के कुल 31 विद्यार्थियों को चेन्नई की जी फॉर एस सिक्योरिटी सोल्यूशन कंपनी ने सिक्योरिटी सुपरवाइजर के पद पर काम करने के लिए चयनित किया था। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के हाथों इन्हें ज्वाइनिंग लेटर दिया गया था। चेन्नई में इनसे ट्रेनिंग के नाम पर 3000 रुपये वसूले भी गये पर बाद में सुपरवाइजर की जगह इनसे गार्ड का काम कराया जाने लगा। उनसे वादे के अनुसार आठ घंटे की जगह 12 घंटे काम कराया जाने लगा। इससे गुस्साये छात्र काम छोड़कर लौट आये।

ये गये थे काम करने

पूजा कुमारी

सोनामणि उरांव

सरिता कंडुलना

सरिता बास्की

नीरज सिन्हा

प्रकाश कुमार

आनंद मोहन

सावना मरांडी

आजसू ने किया कुलसचिव का घेराव

रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के स्टूडेंटस के साथ हुई धोखाधड़ी के विरोध में आजसू ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव का घेराव किया। आजसू छात्र संघ ने भुक्तभोगी विद्यार्थियों को अच्छी नौकरी देने के साथ जी फॉर एस सिक्योरिटी सोल्यूशन कंपनी पर एफआइआर करने की मांग की। आजसू की मांग को संजीदगी से लेते हुए विवि के कुलसचिव डॉ मनोरंजन कुमार जमुआर ने संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही। घेराव में आजसू के प्रदेश प्रभारी हरीश कुमार, प्रदेश अध्यक्ष गौतम सिंह, वरीय उपाध्यक्ष अब्दुल जब्बार, आरयू के नीतीश सिंह समेत अन्य छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

किराये के भवन में चल रहा विवि

गुजरात और राजस्थान के बाद झारखंड में शुरु हुआ देश का तीसरा रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय स्थापना के बाद से किराये के भवन में चल रहा है। विश्वविद्यालय का उदघाटन बीते वर्ष तीन अक्टूबर को श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के पुराने भवन में किया गया था। उसके बाद से विश्वविद्यालय इसी भवन में संचालित हो रहा है हालांकि विश्वविद्यालय का स्थायी कैंपस खूंटी के जुरदेग में तैयार हो रहा है।

क्रिमिनोलॉजी की हो रही पढ़ाई

विश्वविद्यालय में इसी वर्ष से पीजी इन क्रिमिनोलॉजी की पढ़ाई हो रही है। इसके अलावा यहां पीजी डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी, बीएससी इन कंप्यूटर एप्लीकेशन एंड साइबर सिक्योरिटी, बीएससी इन फॉरेंसिक साइंस तथा डिप्लोमा इन पुलिस साइंस की पढ़ाई होती है। बीते वर्ष यहां चल रहे पांच पाठयक्रमों में कुल 200 सीटों की जगह पर 179 एडमिशन हुए थे।

स्थायी कुलपति भी नहीं

विश्वविद्यालय की स्थापना के एक साल पूरे होने के बाद भी इसके कुलपति की नियुक्ति नहीं हो सकी है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा तथा कौशल विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह इसके प्रभारी कुलपति हैं। श्री कुमार ने बताया कि जहां तक रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट की बात है तो एक साल के कोर्स के बाद यहां के स्टूडेंटस को 16,000 रुपये मासिक की नौकरी मिली थी। पर अभ्यर्थियों की एक्सपेक्टेशन ज्यादा है। उन्हें बेहतर नौकरी दिलाने के लिए नियमावली में परिवर्तन किया जा रहा है। इससे यहां पढ़ाई करनेवाले अभ्यर्थियों के सिपाही के रुप में नियुक्ति का रास्ता साफ हो जायेगा।