RANCHI झारखंड के जानमाने ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट और आदिवासी हितों को लेकर देश-दुनिया में आवाज बुलंद करने वाले ग्लैडसन डंगडुंग के साथ सोमवार की सुबह जो हुआ, उसको लेकर देश-विदेश के मानवाधिकार कार्यकताओं और समाजिक संगठनों ने अपना विरोध जताया है। ग्लैडसन डुंगडुंग को एक सेमिनार में हिस्सा लेने लंदन जाना था, लेकिन सुबह जब वह एयरपोर्ट पर फ्लाइट पकड़ने पहुंचे और इमिग्रिशन की औपचारिकताएं पूरी कर रहे थे, तो उन्हें लंदन जाने से रोक दिया गया। बताया गया कि उनका पासपोर्ट इंपाउंडेड है। इसको लेकर जब ग्लैडसन डुंगडुंग ने एयरपोर्ट पर स्थित अधिकारियों को समझाने की कोशिश की, तो उन्होंने बिना कुछ सुने उनको फ्लाइट में सवार नहीं होने दिया। इस पर ग्लैडसन डुंगडुंग ने कड़ा एतराज जताते हुए इसे मानवाधिकार हनन बताया है। उन्होंने बताया कि यह उनके साथ अन्याय है। इसके पीछे कुछ ऐसी शक्तियां हैं, जो चाहती हैं कि वो दुनिया के सामने आदिवासी हितों को उठा न सकें। इसके लिए उन्होंने केन्द्र सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया है।

आज सेमिनार में लेना था भाग

यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स में एनवॉयरमेंटल हिस्ट्री एंड पॉलिटिक्स ऑफ साउथ एशिया में मंगलवार से वर्कशॉप हो रहा है। इस सेमिनार में ग्लैडसन डुंगडुंग को झारखंड के एनवायरमेंट और पॉलीटिक्स के बारे में पेपर प्रेजेंट करना था। ग्लैडसन डुंगडुंग ने बताया कि झारखंड खासकर सारंडा एरिया को लेकर वह किताब लिख रहे हैं। इसमें वहां पर हो रहे खनन से कैसे एनवॉयरमेंट पर असर पड़ रहा है और आदिवासियों को उजाड़ा जा रहा है इसको लेकर वो लिख रहे हैं। काम भी कर रहे हैं। ऐसे में खनन माफिया और दूसरे लोग उनकी आवाज दबाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इसी कड़ी में लंदन जाने से उन्हें रोकने का प्रयास किया गया है।

माल्या जैसे डिफाल्टर को जाने दिया, सामाजिक कार्यकर्ता को रोका

लंदन जाने से रोके जाने के बाद ग्लैडसन डुंगडुंग ने बताया कि सोमवार की सुबह साढ़े पांच बजे लंदन जाने के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट पकड़ने के लिए वह इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली पहुंचे। उन्होंने वहां पर एयर इंडिया को अपना टिकट दिखाया और बोर्डिग की औपचारिकताएं पूरी करने लगे। इसी बीच इमीग्रेशन ऑफिसर ने उनसे पूछा कि लंदन वह क्यों जा रहे हैं। उनका क्या प्रोफेशन है। जब उन्होंने बताया कि ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट हैं, तो इमिग्रेशन आफिसर ने दूसरे कर्मचारियों को बुलाया और उनसे कहा कि आप कुछ देर वेट कीजिए। इसके बाद उन्हें बताया गया कि उनका पासपोर्ट इंपाउंडेड है इसलिए वह अभी नहीं जा सकते।

पहले भी लंदन-डेनमार्क गए थे

ग्लैडसन डुंगडुंग ने अधिकारी को बताया कि साल ख्0क्फ् में उनके पासपोर्ट को इंपाउंडेड किया गया। इसके लिए रांची पासपोर्ट आफिस से कॉल आया था। उन्होंने अपना पासपोर्ट जमा किया था। इसके बाद पुलिस वेरीफिकेशन हुई और सबकुछ ठीक पाते हुए उन्हें पासपोर्ट इश्यू किया गया। इसके बाद लंदन और डेनमार्क का दौरा किया। कहीं कोई परेशानी नहीं हुई। ऐसे में अचानक से पासपोर्ट के नाम पर रोकना एक साजिश है। ग्लैडसन डुंगडुंग ने कहा कि वह आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन से लेकर उनके मुद्दों के लिए लड़ते हैं। जंगल से आदिवासियों को उजाड़ कर कैसे इकोलॉजी सिस्टम को बर्बाद किया जा रहा है। इसको लेकर दुनियाभर के लोगों का ध्यान वह आकृष्ट कराना चाहते हैं। लेकिन कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आ रहा है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल व ग्रीन पीस ने किया संपर्क

लंदन जाने से रोके जाने के बाद सोमवार को एमनेस्टी इंटरनेशन और ग्रीन पीस के प्रतिनिधियों ने ग्लैडसन डुंगडुंग और एयरपोर्ट अधिकारियों से संपर्क किया है। ग्लैडसन डुंगडुंग ने कहा कि बातचीत चल रही है। वो हर हाल में लंदन जाएंगे।

सितंबर ख्0क्फ् में ग्लैडसन डुंगडुंग का पासपोर्ट रिजनल पासपोर्ट आफिस रांची ने इंपाउंडेड किया था। इसके बाद अक्टूबर ख्0क्ब् में पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट आने के बाद उनका पासपोर्ट रिलीज कर दिया गया था। इस बाबत एयरपोर्ट अथॉरिटी को चिट्टी भी लिख दी गई थी।

-सनातन, ऑफिसर, रिजनल पासपोर्ट ऑफिस रांची