-सिटी के कई इलाकों में खड़े है सूखे पेड़

-वन विभाग की अनुमति के बाद भी नहीं काटे गए ये पेड़

-जल्द नहीं काटे गए कभी बन सकते हैं हादसे का सबब

GORAKHPUR पेड़ पौधे जीवन के लिए कितने जरूरी है, यह किसी से छुपा नहींहै। एक कड़वा सच यह भी है कि सूखे पेड़ एक वक्त के बाद खतरे से खाली नहींहोते है, एक हल्का सा हवा को झोंका उन्हें कभी गिरा सकता है जो जान को जोखिम में डाल सकता है। सिटी में भी कई ऐसे सूखे पेड़ है जो कभी भी गिर सकते हैं। उनके काटने के लिए वन विभाग से परमिशन से भी मिल चुकी है, लेकिन जीएमसी है कि उसके कानों पर जूं तक नहींरेंगती है। इस समय बारिश का मौसम है, साथ ही कभी कभी तेज हवाएं भी चलती है। ऐसे में ये पेड़ अचानक गिरकर किसी को भी जान माल का नुकसान पहुंचा सकते हैं।

सिटी के हर मोहल्ले में सूखे पेड़

सिटी को हरा भरा करने की योजना ध्वस्त हो गई है तो सूखे पेड़ काटने वाली योजना भी दम तोड़ रही है। सिटी की हर गली में एक या दो ऐसे सूखे पेड़ खड़े हैं जिन्हें काटने के लिए सैंकड़ों बार जीएमसी अफसरों से पब्लिक गुहार लगा चुकी है, लेकिन अभी तक सुनवाई नहींहुई है। मोहददीपुर मेन सड़क पर दो पेड़, हुमायुंपुर में तीन पेड़, विकास नगर बरगदवां में भी लगभग भ् पेड़ सूखे पड़े हुए हैं। इनको काटने के लिए पार्षद से लेकर पब्लिक तक गुहार लगा चुकी है, लेकिन अभी तक काटने का काम नहीं किया गया है।

कब कटेंगे ये पेड़?

साहबगंज सब्जी मंडी जाने के लिए जिस गली का सबसे अधिक व्यापारी प्रयोग करते हैं, उस गली क्0 साल से नीम का एक पेड़ सूखा पड़ा हुआ है। इसको काटने के लिए हर साल दर्जनों बार व्यापारी जीएमसी से कंप्लेन करते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। क्8 जून की रात हुई बारिश में सूखे नीम का एक डाली एक घर की छत पर गिर गई। इसके कारण घर के लोग वहां से जाने को मजबूर हो गए। गली में पेड़ के सहारे लटकी डाली के डर से लोगों ने इस गली से आना जाना बंद कर दिया है।

कई बार हो चुकी है दुर्घटना

अक्सर बरसात के मौसम में सूखे पेड़ शहर में गिरते रहते हैं।

-पिछले साल बारिश में पिपरापुर में एक व्यक्ति के घर पर यूकेलिप्टस का सूख पेड़ गिरने से पूरा घर खंडहर बन गया।

-पिछली साल व्ही पार्क के सामने आम का

एक पेड़ गिरने के कारण म् घंटे से अधिक देरी तक देवरिया गोरखपुर हाइवे बंद रहा।

-इस साल तिवारीपुर और राजेंद्र नगर में बिजली के तार पर एक सूखा पेड़ के गिरने के कारण बिजली सप्लाई बाधित रही।