सड़क के साथ होती है मनमानी

सिटी में सड़क का कंस्ट्रक्शन होने के बाद तमाम बाकी काम होते रहते हैं। कभी सीवर लाइन बिछाने तो कभी टेलीफोन वायर डालने का काम होता है। पाइप लाइन बिछाने के लिए भी अच्छी खासी सड़कों को खोद दिया जाता है। सड़क खोदने के बाद उसकी ठीक ढंग से मरम्मत नहीं कराई जाती है। धीरे- धीरे ये गड्ढे इतने बड़े हो जाते हैं कि व्हीकल लेकर चलना मुश्किल हो जाता है। सिटी में अक्सर ऐसे वर्क होते रहते हंै। लेकिन काम करने वाले ठेकेदार और संबंधित अफसर इसका ख्याल नहीं रखते कि कंस्ट्रक्शन के बाद रोड्स का क्या हुआ।

सड़क खोदने के पहले लेनी होगी परमिशन

रोड्स का कंस्ट्रक्शन कराने वाली कार्यदायी संस्था के पास सड़क के देखभाल और मरम्मत की जिम्मेदारी करीब पांच साल की होती है। लेकिन एक बार कंस्ट्रक्शन कराकर ठेकेदार मुंहफेर लेते हैं। दोबारा हो हल्ला मचने पर ही कोई उधर ध्यान देता है। सड़क बनने के बाद अक्सर ही बाकी के काम कराए जाते हैं। पाइप लाइन बिछाने, केबिल वायर बिछाने और सीवर लाइन के लिए अक्सर ही सड़कों को खोद दिया जाता है। बनी-बनाई सड़क खोदने के बाद उसका निर्माण ठीक से नहीं कराया जाता। इससे समय से पहले सड़क बेकार हो जाती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। किसी भी सड़क पर कोई भी कंस्ट्रक्शन कराने के पहले सड़क बनवाने वाली संस्था से अनुमति लेनी होगी। यदि बिना अनुमति लिए ठेकेदार ने वर्क कराया तो जीएमसी के अफसर जिम्मेदार होंगे।

सड़क बचाने को ये होना चाहिए काम

सड़क बनने के बाद उसको सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। नगर निगम को चाहिए कि सिटी की सड़कों को दुरुस्त रखने के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदारी तय करें। यदि कोई भी निर्माण कार्य कराया जाए तो संबंधित विभाग के अफसरों से खोदी गई सड़क की ठीक से मरम्मत कराने को कहे। यदि वे लापरवाही दिखा रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

नगर निगम या प्रशासन से की जा सकती है शिकायत

सड़क बनने के बाद किसी प्रकार की तोडफ़ोड़ किए जाने पर इसकी शिकायत पब्लिक अफसरों से कर सकती है। नगर निगम या प्रशासन के अफसरों को मोबाइल या फिर एप्लीकेशन देकर कार्रवाई की मांग की जा सकती है। नगर निगम के निर्माण विभाग के अधिकारी मौके का निरीक्षण करके संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

इस नये जीओ की सूचना अभी नहीं पहुंची है। ऐसी किसी प्रकार शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है। जिम्मेदारी तय होने से सिटी की सड़कों को सेफ रखने में मदद मिलेगी। सड़क के खराब न होने से गवर्नमेंट का मरम्मत में आने वाला खर्चा बचेगा।

आरके त्यागी, नगर आयुक्त