- कर्मचारी महासंघ ने किया 29 जून से तालाबंदी का ऐलान

देहरादून, गढ़वाल मंडल विकास निगम को घाटे से उबारने का हवाला देते हुए 23 कर्मचारियों को जारी किए गए कंपल्सरी रिटायरमेंट का नोटिस देने के बाद निगम घाटे से उबर पाएगा यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन, कई वर्ष नौकरी करने के बाद निकाले गए कर्मचारियों का भविष्य जरूर अंधकारमय हो गया है। हालांकि, जिन कर्मचारियों को नोटिस सर्व किया गया है, उसके पीछे ठोस कारण निगम ने गिनाए हैं। इनमें कई कर्मचारी ऐसे भी हैं, जो पिछले 20 वर्ष से निगम में काम करते रहे।

सेवा के दौरान खोया पैर, अब नौकरी गई

मोहन सिंह पंवार निगम की बस में कंडक्टर थे। शिमला टूर के दौरान बस का एक्सीडेंट हो गया। मोहन सिंह के पैर और सिर में चोट आई। सिर में 25 टांके आये, पैर का इलाज करने दिल्ली जाना पड़ा। तीन ऑपरेशन हुए और पैर घुटने से नीचे काटना पड़ा। घटना 1991 की है। इलाज के दौरान निगम ने वेतन तक नहीं दिया। ठीक होने के बाद मोहन सिंह को जीएमवीएन के के यात्री कार्यालय ऋषिकेश के स्टोर में काम मिला। अब अचानक उन्हें कंपल्सरी रिटायरमेंट का आदेश थमा दिया गया।

बेहतर काम का दिया सर्टिफिकेट, अब निकाला

जीएमवीएन मैनेजमेंट द्वारा टीआरएस यमकेश्वर में बतौर मैनेजर तैनात रहे विमल पांडे को भी बाहर का रास्ता दिखाया है। विमल ने 27 साल तक मामूली वेतन पर कच्चे कर्मचारी के रूप में काम किया। 2014 में उन्हें परमानेंट करके जंगल में बने टीआरएस में मैनेजर बनाया गया। उन्होंने खुद अपनी पत्‍‌नी को साथ लेकर झाडि़यां काटीं और टीआरएस को रहने लायक बनाया। 2016 में उन्हें प्रमोशन दिया गया और 2017 में अच्छा कार्य करने का सर्टिफिकेट और अब काम ठीक न होने का ठीकरा उनके सिर फोड़ कर निकाल दिया गया।

फंड के नाम पर कुछ नहीं

मुख्यालय में तैनात एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसकी अभी 15 साल की नौकरी बाकी है। अब तक जमा पीएफ मकान बनाने के लिए निकाल दिया। अब फंड में कुछ नहीं है, ऐसे में उसे नौकरी से भी निकाल दिया गया है। आगे की जिंदगी कैसे गुजरेगी, कैसे परिवार चलाना होगा इसे लेकर वह परेशान हैं।

नोटिस वापस नहीं तो आंदोलन

कंपल्सरी रिटायरमेंट के लिए बाध्य किये जाने पर कुमाऊं और गढ़वाल विकास निगम के संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है। जीएमवीएन के एमडी ज्योति नीरज खैरवाल को दिए गए पत्र में महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि 28 जून तक 23 कर्मचारियों को जारी किए गए कंपल्सरी रिटायरमेंट के आदेश को वापस नहीं लिया गया तो 29 जून से वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।

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हमने एमडी को ज्ञापन दिया है। हमें पता चला है कि निगम को पीपीपी मोड पर देने का विचार है। यदि कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति का आदेश 28 जून तक वापस नहीं लिया जाता तो 29 से धरना, प्रदर्शन, तालाबंदी की जाएगी।

- आशिष उनियाल, सचिव संयुक्त कर्मचारी महासंघ, जीएमवीएन।

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यह निगम को घाटे से उबारने का प्रयास है। इसमें कुछ कड़े फैसले तो लेने की पड़ेंगे। जिन कर्मचारियों को नोटिस दिये गये हैं, वे पूरी छानबीन करने के बाद ही दिये गये हैं।

-ज्योति नीरज खैरवाल, एमडी, जीएमवीएन।