पिछले साल पेशी के दौरान कोर्ट के बाहर से हो गया था फरार

गिरफ्तारी के समय भी हो गया था 50 हजार का इनामी

आतंक के पर्याय शातिर अपराधी के खिलाफ दर्ज हैं दो दर्जन मुकदमे

व्यापारियों में खौफ और आतंक का पर्याय बन चुके शातिर अपराधी विनोद उर्फ गोदऊ पासी पर इनाम राशि एक बार फिर बढ़कर 50 हजार हो गई है। गुरुवार को एडीजी जोन इलाहाबाद की तरफ से भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर डीजीपी सुलखान सिंह ने पुरस्कार राशि बढ़ाने का फैसला ले लिया। शातिर गोदऊ करीब सवा साल से पुलिस की पकड़ से बाहर है।

पिछले साल 16 मई को हुआ फरार

धूमनगंज थाना क्षेत्र के मुंडेरा का रहने वाला गोदऊ शातिर और मनबढ़ अपराधी है। करीब दो साल पहले उसका नाम सुर्खियों में तब आया था जब उसने मामूली बात पर जूता कारोबारी भाईयों को गोली मार दी थी। इसमें से एक की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस उसके पीछे लग गई तो गुंडा एक्ट से लेकर तमाम अन्य मुकदमे उसके खिलाफ कायम हो गए। पुलिस ने काफी मशक्कत में बाद आखिरकार उसे सितंबर 2015 में गिरफ्तार किया जा सका। तब भी उस पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। गिरफ्तारी के बाद उसने कोर्ट में नाबालिग होने का प्रमाण पत्र दाखिल किया तो उसका मामला जुविनाइल कोर्ट को सौंप दिया गया। उसे मिर्जापुर जेल में रखा गया था। पिछले साल 16 मई को मिर्जापुर से उसे पेशी पर खुल्दाबाद में स्थित जुविनाइल कोर्ट में लाया गया था। यहीं से वह सिपाहियों से हाथ छुड़ाकर भाग निकला था। तब से आज तक पुलिस उसका पीछा कर रही है, लेकिन उसका कोई सुराग हाथ नहीं लगा। परिवार वालों और साथियों को गिरफ्तार करने के बाद भी पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिली तो एसएसपी ने उस पर पांच हजार रुपए का पुरस्कार घोषित कर दिया।

कोर्ट में लगाया था फर्जी सर्टिफिकेट

धूमनगंज के जूता व्यवसायी बंधुओं पर हमले के मामले में गिरफ्तार होने के बाद उसकी मां की तरफ से कोर्ट में उम्र का जो दस्तावेज पेश किया गया उसके अनुसार वह माइनर था। इस मामले का खुलासा हुआ तो जांच बिठा दी गई। जांच में इसकी पुष्टि हो जाने के बाद 16 मई को जुविनाइल कोर्ट में उसकी पेशी तय थी।

जूता कारोबारी को दी थी मौत

मनबढ़ अपराधी विनोद उर्फ गदऊ पासी ने 29 जून 2015 को मुंडेरा में लक्ष्मी शू हाउस के मालिका भाई आकाशदीप उर्फ दीपू केसरवानी और उसके भाई आशीष को दुकान के भीतर गोली मार दी थी। वह जूता लेने पहुंचा था और कीमत के विपरीत मनमाने पैसे देकर जाने लगा। इसका व्यापारी भाइयों ने विरोध किया तो उसने दोनों पर गोली चला दी। इस घटना में आकाशदीप उर्फ दीपू की मौत हो गई थी।

थाने के सामने से भागा था

खुल्दाबाद में जुविनाइल कोर्ट के ठीक सामने खुल्दाबाद थाना है, यहीं से वह गायब हुआ था

कोर्ट में उसकी फर्जी टीसी पर सुनवाई होनी थी जिससे वह माइनर साबित हुआ था

पेशी के लिए उसे मिर्जापुर से लाया गया था

नाबालिग होने के चलते पुलिस वालों ने उसे हथकड़ी नहीं लगाई थी

टॉयलेट जाने के बहाने उसने पुलिसवाले से हाथ छुड़ाया और भाग निकला

थाने के सामने से ही भागने के बाद भी पुलिस हाथ मलती रह गई और उसे पकड़ा नहीं जा सका

इस मामले में दो सिपाहियों को निलंबित किया गया था

हार्ड कोर क्रिमिनल और शार्प शूटर बन चुके गदऊ के खिलाफ धूमनगंज थाने में हिस्ट्रीशीट खुली हुई है

उसके खिलाफ पुलिस गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के तहत भी कार्यवाही कर चुकी है