RANCHI: गोड्डा व पांकी विधानसभा उपचुनाव में बीए फेल से लेकर, पीएचडी होल्डर व आइपीएस उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। कोई अपने पिता की विरासत संभालने के लिए चुनाव मैदान में कूद पड़ा है, तो कोई ब्यूरोक्रेट्स के बाद अब राजनीति में अपना भाग्य आजमा रहा है। ऐसे में जनता किस पर अपना भरोसा जताती है, यह तो क्म् मई के बाद परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन, इतना तय है कि सभी सीटों पर दिलचस्प मुकाबल है।

गोड्डा: एमबीए, बीए व आईपीएस में जोरदार टक्कर

गोड्डा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अमित मंडल अपने दिवंगत पिता रघुनंदन मंडल की विरासत बचाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। एमबीए की डिग्री लिए अमित मंडल विदेश में एक मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर के रूप में काम कर रहे थे। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि गोड्डा की जनता इस मैनेजर पर अपना कितना भरोसा जताती है। इसी तरह गोड्डा सीट से राजद उम्मीदवार संजय यादव ने हिन्दी विद्यापीठ देवघर से साहित्य में बीए किया है। जेमएमएम उम्मीदवार संजीव मारिक आईपीएस हैं, जो ओडि़शा के डीजीपी रह चुके हैं।

पांकी : बीए फेल से लेकर ग्रेजुएट व पीएचडी होल्डर आजमा रहे किस्मत

पांकी विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार देवेन्द्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह अपने पिता विदेश सिंह की मृत्यु के बाद इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बिट्टू सिंह अभी ग्रेजुएट भी नहीं हैं। बीए में फेल होने के बाद अभी ग्रेजुएशन कर ही रहे हैं। वहीं, बीजेपी कैंडिडेट लाल सूरज ने मगध यूनिवर्सिटी गया से बीए की है। वह राज्य सरकार में मंत्री रहे दिवंगत मधु सिंह के बेटे हैं। पिछला चुनाव उन्होंने जेएमएम उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था। कुछ दिन पहले ही वह जेएमएम छोड़कर बीजेपी का दामन थामे हैं। इधर, जेएमएम उम्मीदवार कुशवाहा शशिभूषण मेहता सबसे ज्यादा डिग्री लिए हुए हैं। चुनाव आयोग में जमा उनके शपथ पत्र के अनुसार उन्होंने एमफिल और रांची यूनिवर्सिटी से पीएचडी भी की है।