- अपने भरोसेमंद शॉप और शोरूम से ही खरीदे ज्वैलरी और क्वॉइन

<- अपने भरोसेमंद शॉप और शोरूम से ही खरीदे ज्वैलरी और क्वॉइन

BAREILLY:

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दिवाली को लेकर मार्केट में चारों तरफ रौनक छाई हुई है। खासकर ज्वैलरी मार्केट में सोने-चांदी की चमक खूब बिखरी हुई है। ट्यूजडे को धनतेरस होने के कारण शॉप और शोरूम में काफी अट्रैक्टिव ज्वैलरी का स्टॉक है। आपकी भी दिवाली की खुशियां दोगुनी हो इसके लिए शॉपिंग करने के दौरान थोड़ी सावधानी जरूरी हैं। कही ऐसा न हो कि आप जो गोल्ड, सिल्वर क्वॉइंस या ज्वैलरी खरीद रहे हैं, उसमें मिलावट हो।

सोच समझ कर खरीदे क्वॉइंस

गोल्ड की गिन्नी व बिस्किट की कमी होने की वजह से ज्वेलर्स इसका बेनीफिट गलत ढंग से उठा सकते हैं। आप जो गोल्ड खरीद रहे हैं वह कितना खरा है। इसकी पहचान बहुत जरूरी है। कही ऐसा न हो आप जिस सुख-समृद्धि के लिए प्योर गोल्ड लेने की सोच रहे है वह राख हो। धर्म और आस्था का फायदा उठाते हुए ज्वेलर्स कही आपको प्योर गोल्ड की जगह सिल्वर व कॉपर मिक्स क्वॉइंस न पकड़ा दे। इस बात का ध्यान देना बहुत जरूरी है।

आस्था के नाम पर लूटते हैं ज्वेलर्स

दिवाली में अक्सर प्रिंट गोल्ड क्वॉइंस खरीदने के बाद लोग क्वॉइंस को देवी देवता को चढ़ाते हैं। धर्म के प्रति इतनी अधिक आस्था होती है कि, जरूरत पड़ने पर भी लोग क्वॉइंस को बेचना उचित नहीं समझते हैं। सालों साल यूं ही अपने पास सहेज कर रखे रहते है। जिसका फायदा उठाते हुए ज्वेलर्स फेस्टिव सीजन में प्योर गोल्ड न देकर कॉपर व सिल्वर मिक्स गोल्ड मार्केट में बेच देते है। सोने का रंग चढ़ा होने की वजह से आसानी से पहचान कर पाना संभव नहीं हो पाता है।

नहीं होता शुद्धता नापने का पैमाना

शहर के ज्यादातर ज्वैलर्स के पास क्वॉइंस की शुद्धता मापने की मशीन नहीं है। कस्टमर क्वॉइंस खरीदते वक्त उसकी प्योरिटी के बारे में नहीं जान पाते हैं। क्वॉइंस की जांच करने का सबसे अच्छा ऑप्शन कैरेट मीटर होता है। जिसके जरिए क्वॉइंस की जांच एक मिनट में बिना नुकसान पहुंचाए हो जाती है। जबकि दूसरा ऑप्शन टंच है। जिसे लोकल मार्केट में रिफायनरी करानी पड़ती है, लेकिन इसमें क्वॉइंस को काटना पड़ता है।

बॉक्स मैटर

इस बात का ध्यान दें

- ब्रांडेड शॉप से गोल्ड क्वॉइंस या बार (बिस्किट)खरीदें।

- क्वॉइंस खरीदते वक्त पक्का बिल जरूर ले।

- क्वॉइंस के वापसी के बारे में शॉपकीपर से जरूर बात करें।

- हॉलमार्क का निशान जरूर देख ले।

- रसीद पर टिन (वैट) नंबर होना जरूरी।

- कैरेट मीटर में चेक कराएं।

सोने-चांदी की ज्वैलरी और क्वॉइंस खरीदते वक्त कस्टमर्स को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। कस्टमर्स को चाहिए अपने जान पहचान के ज्वैलर्स से ही कोई सामान खरीदें।

संदीप अग्रवाल, प्रेसीडेंट, बरेली महानगर सर्राफ एसोसिएशन