- अन्य इंवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म की जगह गोल्ड खरीदने में दिखाते हैं रुचि

- मिडिल क्लास लोगों के लिए सबसे आसान होता है इसमें इंवेस्टमेंट

आगरा। देश में गोल्ड की खरीदारी सिर्फ आभूषण के लिए ही नहीं की जाती, बल्कि यह बुरे वक्त से निकलने में भी मददगार साबित होती है। सदियों से चली आ रही यह सोच आज भी लोगों के जहन में तरोताजा है। भले ही आज लोगों के सामने इंवेस्टमेंट के लिए पहले से बेहतर और आसान प्लेटफॉर्म उपलब्ध हों, लेकिन आज भी अधिकतर लोग अपनी पूंजी को गोल्ड में लगाना ही पसंद करते हैं।

कैश करने का सरल साधन

गोल्ड खरीदने के प्रति लोगों की सोच होती है कि उनके पास एमाउंट कैश में है। वह जब चाहे इसे ज्वैलर्स के पास जाकर कैश में एक्सचेंज करा सकते हैं। आधी रात भी किसी पड़ोसी या रिश्तेदार के पास गिरवीं रख उसके एवज में रुपया उधार ले सकते हैं।

सुबह तक बैंक खुलने का इंतजार

इसके उल्ट अन्य इंवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म की बात करें तो वहां से पैसा विड्रॉल करना सोने के मुकाबले कठिन है। अगर आपका एकाउंट बैंक में है। शाम को बैंक बंद होने के बाद आपको अचानक रुपयों की जरूरत पढ़ती है, तो आपको अगले दिन सुबह बैंक के खुलने का इंतजार करना पड़ेगा। एटीएम कार्ड से भी आप एक सीमा तक ही कैश विड्रॉल कर सकते हैं।

रातों-रात नहीं बिक सकती प्रॉपर्टी

अच्छे रिटर्नस के लालच में लोग आज प्रॉपर्टी में ज्यादा इंवेस्ट करने में रुचि दिखाते हैं, लेकिन मुश्किल के दौर में तत्काल यह इंवेस्टमेंट भी आपकी हेल्प नहीं कर सकेगा। प्रॉपर्टी सेल करने में भी वक्त लगता है।

डॉक्युमेंटेशन की जरूरत नहीं

बैंकिंग स्कीम में रुपया इंवेस्ट करने के लिए आपको कई जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। फोटो प्रूफ, आईडी प्रूफ, इनकम सोर्स के साथ अन्य जानकारी देनी पड़ती हैं। अन्य इंवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म पर भी यही प्रक्रिया लागू होती है। लेकिन, गोल्ड की खरीदारी में आपको इस डॉक्युमेंटेशन की प्रक्रिया से नहीं जूझना पड़ता। हालांकि सरकार ने पांच लाख या उससे अधिक की गोल्ड खरीद में पेनकार्ड की अनिवार्यता कर दी है। लेकिन अब भी अन्य जगह से गोल्ड में इंवेस्टमेंट करना आसान है।

मिडिल क्लास के लिए आसान

मिडिल क्लास के लिए गोल्ड में इंवेस्ट करना होता है। वह अपनी बचत के हिसाब से इसमें इंवेस्ट करता है, जबकि प्रॉपर्टी या अन्य जगह इंवेस्ट के लिए मोटी रकम की जरूरत होती है, जो उसकी पहुंच से दूर होता है।

प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत पर एक नजर

2005- 7000 हजार रुपये

2010- 18,500 हजार रुपये

2015- 26,290 हजार रुपये

अगर इन 10 सालों के आंकड़े को देखें तो गोल्ड की कीमत ट्रिपल हो चुकी है। अगर इससे हिसाब लगाया जाए तो साफ है कि अन्य स्कीम के मुकाबले में इसमें बेहतर रिटर्नस मिलता है।