सोने के बड़े भंडारों का पता लगा
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक एन कुटुम्बा का कहना है कि जमीन के नीचे दबे 11.48 करोड़ टन सोने के भंडार का पता लगा है। इनमें से उदयपुर और बांसवाड़ा जिले के भूकिया डगोचा में सोने के बड़े भंडारों का पता लगा है। यह भंडार जमीन के स्तर से 300 मीटर नीचे है। सर्वे रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि यहां करीब 200 टन सोने का भंडार है, जिसकी कीमत तकरीबन 40,000 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। इसके अलावा राजपुरा दरीबा खनिज पट्टी में 35.66 करोड़ टन सीसा और जस्ता के संसाधनों का भी पता लगा है।
कर्नाटक
भारत में सोने का सबसे बड़ा उत्पादक कर्नाटक है। सोने की खदानें कोलार (कोलार गोल्ड फील्ड), धारवाड़, हसन और रायचूर (हुत्ति गोल्ड फील्ड) जिलों में स्थित हैं। आमतौर पर, सोने की खदानें दुनिया की सबसे गहरी खदानें होती हैं। दक्षिण अफ्रीका में Mponeng सोने की खान दुनिया की सबसे गहरी यानी कि 3.9 किमी गहरी है।
आंध्रप्रदेश
भारत में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक आंध्र प्रदेश है। अनंतपुर जिले में Ramagiri आंध्र प्रदेश में सबसे महत्वपूर्ण सोने की खदान है। जलोढ़ सोने और placer के भण्डार छोटी मात्रा में व्यापक रूप से नदियों के पास एक बड़ी संख्या में फैले हुए हैं। इस राज्य में चित्तूर जिले और Jonnagiri Kumool जिले में Bisanattam और Palachchur में जैसे इलाकों में भी स्वर्ण भंडार हैं।
झारखण्ड
यह राज्य तकरीबन 344 किलो सोने का उत्पादन करता है, जो कि भारत के कुल सोने के उत्पादन का 11 प्रतिशत से अधिक है। सुवर्णरेखा (सोना लकीर) नदी की रेत मे कुछ जलोढ़ सोना पाया जाता है। Sonapat घाटी जलोढ़ सोने के साथ एक और प्रमुख स्थल है। इसके अलावा सिंहभूम जिले में सोना नदी इसके लिए महत्वपूर्ण है।
केरल
इसके अलावा केरल भी सोने की धातु के लिए एक प्रसिद्ध जगह है। यहां Punna Puzha और Chabiyar Puzha नदी के पास के इलाकों मे कुछ मात्रा मे सोना पाया जाता है। जलोढ़ सोना Ambankadava Puzha, Chabiyar Puzha में और Mannarkkat के पास की नदियों में पाया जाता है।
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