सभी के हैं अपने-अपने future goals

 कहते हैं मेहनत और लगन कभी बर्बाद नहीं जाती। कहीं ना कहीं उसका एडवांटेज मिल ही जाता है। कुछ ऐसा ही शियाट्स (सैम हिग्गिनबॉटम इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज) नौवें कन्वोकेशन में देखने को मिला, जहां सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट्स को उनकी परफॉर्मेंस के लिए गोल्ड व सिल्वर मेडल देकर सम्मानित किया गया। वहीं हजारों को डिग्री बांटी गई। कुछ ऐसे भी थे जिन्हें डाक्टरेट की उपाधि देकर उनके अथक प्रयास को सराहा गया।

इनका था convocation

कन्वोकेशन के दौरान कुल 125 स्टूडेंट्स को मेडल दिए गए। इनमें 101 को गोल्ड और 22 स्टूडेंट्स को सिल्वर मेडल देकर सम्मानित किया गया। मेडल पाने वाले फैकल्टी ऑफ एग्रीकल्चर, फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, फैकल्टी ऑफ साइंस, फैकल्टी ऑफ बिजनेस स्टडीज, फैकल्टी ऑफ एनिमल हसबेंड्री एंड डेरींग, फैकल्टी ऑफ थियोलॉजी, फैकल्टी ऑफ हेल्थ साइंसेज, फैकल्टी ऑफ ह्यूमेनिटीज, सोशल साइंसेज एंड एजूकेशन के स्टूडेंट्स शामिल रहे। डाक्टरेट की उपाधि पाने में वालों की संख्या कुल 78 रही। वहीं 2561 स्टूडेंट्स को डिग्री बांटी गई।

सबके अपने-अपने सपने

ट््यूजडे इवनिंग चार बजे से स्टार्ट हुए समारोह का माहौल ही निराला था। चारों ओर स्टूडेंट्स के चेहरे पर खुशियां छाई हुई थीं। कोई बातों में मशगूल था तो कोई अपने क्लासमेट्स से गले मिलकर पुरानी यादों तो साझा कर रहा था। रीजन साफ था कि सभी को अपने-अपने फ्यूचल गोल अचीव करने के लिए तरक्की की ओर कदम बढ़ाने थे। डिग्री और मेडल उनके पास थे, बस चाहिए तो केवल बेटर गाइडेंस। स्टूडेंट्स ने बताया कि उनमें से कोई टीचिंग लाइन में ही फ्यूचर बनाना चाहता है तो कोई इंजीनियर बनकर देश की सेवा करना चाहता है। कुछ ने कहा कि वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करेंगे। हालांकि कुछ स्टूडेंट्स ऐसे भी थे जो सेशन के खत्म होने से पहले किसी न किसी जॉब में इन्वॉल्व हो गए थे।

इनको मिली मानद उपाधि

- डॉ। अरुण एस निवाने (नई दिल्ली)

- डॉ। सुशांत अग्रवाल (हरियाणा)

- डॉ। जान नदूना (स्विट्जरलैंड)

- बिशप अल्लू राजरथनम (आंध्र प्रदेश)

- स्टेट मिनिस्टर डॉ। मनोज कुमार पांडेय

- डॉ। इनोज दास प्रधान (वेस्ट बंगाल)

- प्रो। डॉ। एमवी पाइली (फॉर्मर वीसी, केरल यूनिवर्सिटी कोचीन)

Category of special award

- लक्ष्मी राव मेमोरियल अवार्ड- नलिनी शंकर

- लेट गुलजारी लाल मेमोरियल अवार्ड- अनुश सीबी

- लेट मनीश जैकब मेमोरियल अवार्ड- गिरीश कुमार

- बेस्ट साइंटिस्ट अवार्ड- सुरेश बाबू जी

- लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड- डॉ। महाबल राम

- सुदरेशन अवार्ड- प्रो। रंजन ए जॉन

- प्रोगे्रसिव फॉर्मस अवार्ड- राम अभिलाष पटेल

- चांसलर अवार्ड ऑफ डिस्टिंग्विश एलुमिनी- डॉ। इंजीनियर जोनाथन ए लाल

- बेस्ट टीचर अवार्ड- डॉ। नीरज, डॉ। गौतम घोष, डॉ। डीएम डेनिस, डॉ। अंशु

Momento देकर किया guests का सम्मान

कन्वोकेशन सेरेमनी की शुरुआत स्प्रीचुअल रीडिंग प्रे के साथ हुई। जिसे डॉ। डीके साहू ने पेश किया। डिक्लेरेशन ओपनिंग में चांसलर डॉ। जेए ओलिवर ने ऑडियंस को एड्रेस किया। इसके बाद शियाट्स के वाइस चांसलर प्रो। आरबी लाल ने मोमेंटो देकर गेस्ट्स को सम्मानित किया। उन्होंने इस मौके पर डिग्रीधारियों को सच्चाई,ईमानदारी व प्रेम से समाज सेवा में लगे रहने की शपथ दिलाई। यूनिवर्सिटी ने अपनी रिपोर्ट में एचीवमेंट्स का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। मौके पर फारेस्ट्री एंड एग्रीकल्चर पर बेस्ड दो बुक्स भी रिलीज की गईं। प्रोग्राम में गेस्ट ऑफ ऑनर स्टेट मिनिस्टर डॉ। मनोज पांडेय ने स्टूडेंट्स इंस्टीट्यूट की उपलब्धियों की तारीफ करते हुए स्टूडेंट्स उज्जवल भविष्य की कामना की। कुलसचिव प्रो। एकेए लारेंस ने बताया कि वर्ष 1910 में स्थापित कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में राष्ट्रसेवा में समर्पित इस संस्थान का नौवां कन्वोकेशन विशेष रूप से मनाया जा रहा है। बता दें कि नैक ने इंस्टीट्यूट को ए ग्रेड का दर्जा भी प्रदान किया है।

North East के  students  ने दी performance

प्रोग्राम की शुरुआत प्रभु यीशु की प्रेयर के साथ हुई। जिसे पेश किया नार्थ-ईस्ट के स्टूडेंट्स ने। अपनी पेशकश से उन्होंने सभी को भाव-विभोर किया। इसके बाद प्रोग्राम के गेस्ट ऑफ ऑनर स्टेट एग्रीकल्चर मिनिस्टर ने कहा कि शियाट्स का पिछला 103 साल पुराना इतिहास काफी उपलब्धियों भरा रहा है। यह संस्थान दिनों-दिन तेजी से विकास की ओर अग्रसर है। कृषि के क्षेत्र से जुड़े शियाट्स ने किसानों को उन्नत कृषि की राह दिखाई है जो वाकई काबिलेतारीफ है। उन्होंने कहा किसान हमारा अन्नदाता है और उसकी प्रगति में ही देश का विकास छिपा है। जो काम संस्थान बखूबी अंजाम दे रहा है।