- शहर भर की हॉकी एकेडमी में मनाया गया जश्न

- कोचों ने कहा खेल को मिलेगी संजीवनी

Meerut : भारतीय हॉकी टीम ने एशियन गेम्स में स्वर्णिम जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने सीधे ख्0क्म् रियो ओलंपिक में भी जगह पक्की कर ली। भारतीय टीम की इस जीत से बेशक जमीनी स्तर पर हांफती हॉकी की सांस कुछ हद तक जरूर लौट कर आएगी।

जरूरत है प्रोत्साहन की

हॉकी खेल में सबसे अधिक प्रोत्साहन की जरूरत है। अगर प्रोत्साहन हो तो हॉकी का स्तर काफी ऊंचा उठ सकता है। मेरठ में इस वक्त हॉकी की मात्र तीन ही एकेडमी रह गई हैं। कैलाश प्रकाश स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में जहां हॉकी का स्तर बेहद खराब हो चुका है, तो वहीं एसडी सदर कॉलेज में नौनिहालों को हॉकी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, लेकिन कोई प्रोत्साहन नहीं मिलने की वजह से यहां खिलाडि़यों का भला नहीं हो पा रहा है। एनएएस डिग्री कॉलेज में जरूर महिला हॉकी खिलाड़ी अपने दम पर दमदार प्रदर्शन को आतुर रहती हैं।

बदतर हालात सभी ने देखे

हाल ही में माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित हॉकी प्रतियोगिता में इस खेल की परतें खुलती नजर आई। अधिकतर स्कूलों की टीम ही टूर्नामेंट में नहीं पहुंची, और बिना मैच खेले ही एक टीम विजेता घोषित कर दी गई।

नतीजे सिफर रहते हैं

जिला हॉकी संघ भी कोई कदम आगे नहीं बढ़ा रहा है, जिससे इस खेल को निखारने के नतीजे सिफर ही रहते हैं। सालों से जिला हॉकी संघ ने कोई लीग आयोजित नहीं कराई। खिलाडि़यों के हालात को जानने के लिए संघ का कोई भी नुमाइंदा भटका तक नहीं है।

जीता गोल्ड मिला हौसला

भारतीय हॉकी टीम ने एशियन गेम्स में गोल्ड जीत लिया है। ऐसे में जरूर सिटी में हॉकी सीख रहे नौनिहालों को हौसला मिला होगा। उनमें भी इस खेल में आगे बढ़ने की ललक पैदा हुई होगी। गोल्ड जीतने के बाद सिटी में एसडी सदर स्कूल स्थित हॉकी एकेडमी में जश्न भी मनाया गया।

भारतीय टीम ने एशियन गेम्स में स्वर्णिम प्रदर्शन किया है। ऐसे में इस जीत से नौनिहालों को भी बड़ा हौसला मिलेगा।

जोगेन्द्र सिंह, प्रशिक्षक एसडी सदर

खिलाडि़यों को इस जीत की बेहद जरूरत थी। इस जीत से न सिर्फ भारतीय टीम में शामिल खिलाडि़यों को हौसला मिला है, बल्कि जमीनी स्तर पर हॉकी सीख रहे खिलाड़ी भी इससे बहुत कुछ सीखेंगे।

ज्ञानेन्द्र सिंह, साई कोच हॉकी

भारतीय टीम ने बहुत शानदार प्रदर्शन किया है। उनकी जीत पर सभी खिलाडि़यों को बहुत-बहुत बधाई।

विकास शर्मा, हॉकी खिलाड़ी