- अमेरिकी कंपनी ने मनकामेश्वर मंदिर के पास घाट पर शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट

- पांच से सात दिन तक जलनिगम की टीम करेगी ऑब्जर्वेशन, फिर अंतिम निर्णय

LUCKNOW : प्रदूषण से जूझ रही गोमती नदी को स्वच्छ बनाने के लिए अमरिकी कंपनी ने कदम आगे बढ़ाए हैं। कंपनी की ओर से जो प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, उससे साफ है कि कंपनी के पास एक ऐसा एंजाइम है, जो नालों को नदी में मिलने से रोकने के साथ ही पानी को फिल्टर करेगा और उसकी हानिकारक स्लज को बालू में बदल देगा। इतना ही नहीं, जब पानी फिल्टर होकर नदी में आएगा तो उसमें मौजूद एंजाइम नदी के पानी को स्वच्छ बनाने का काम करेंगे। तकनीक के जरिये फिल्टर किया गया पानी का यूज केवल कृषि के लिए किया जा सकेगा। यह पानी पीने योग्य नहीं होगा। बुधवार को कंपनी की ओर से मनकामेश्वर मंदिर के पास घाट पर स्थित एसटीपी पर अपने प्रोजेक्ट को लेकर डेमो भी दिया गया, पहले चरण में तो नतीजे सकारात्मक ही नजर आए।

पांच से सात दिन ऑब्जर्वेशन

जलनिगम की ओर से परमीशन मिलने के बाद ही अमेरिकी कंपनी ऑइल स्पिल ईटर इंटरनेशनल कॉरपोरेशन की ओर से घाट किनारे डेमो शुरू किया गया है। डेमो के दौरान जलनिगम के चीफ इंजीनियर एके जिंदल और प्रोजेक्ट इंजीनियर पीके पुंडीर भी मौजूद रहे। दोनों अधिकारियों ने बारीकी से कंपनी की ओर से लगाई गई मशीनरी और उससे शोधित हो रहे जल की स्थिति देखी। चीफ इंजीनियर की ओर से स्पष्ट किया गया कि पहले पांच से सात दिन तक ऑब्जर्वेशन किया जाएगा, फिर आने वाले रिजल्ट के आधार पर रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी।

प्रोजेक्ट एक नजर में

अमेरिकी कंपनी के प्रोजेक्ट पर नजर डालें तो इसके अंतर्गत मशीनों और गुड बैक्टीरिया के साथ नाले का गंदा, मलयुक्त पानी कुछ ही मिनटों में स्वच्छ हो जाता है। इस प्रयोग के लिए नाले के पानी को रोककर उसमें विशेष तरह की मशीनें लगाई जाती हैं। इसके बाद ओएसईआई-1 (एंजाइम) की मदद से पानी को शोधित कर नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। खास बात यह है कि इस टेक्निक से नदी में मौजूद मछलियां भी सुरक्षित रहती हैं। जलनिगम से परमीशन मिलने के बाद ही प्रोजेक्ट कॉस्ट आदि तय होगी।

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102 देशों में 42 हजार नाले-नदियों पर काम

अमेरिकी कंपनी के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीवन पैडिगो व राजेश आर पांडेय, मैनेजिंग पार्टनर, टैलीमाकस हाईटेक कॉरपोरेशन ने बताया कि कंपनी दुनिया के 102 देशों में 42 हजार से अधिक नाले और नदियों के सफाई प्रोजेक्ट्स को मूर्त रूप दे रही है। यह प्रोजेक्ट्स अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जाम्बिया, मैक्सिको, नाइजीरिया आदि देशों में चल रहे हैं।