पांच को उम्रकैद

अदालत ने दोष सिद्ध प्लाटून कमांडर रमाकांत दीक्षित, उपनिरीक्षक नसीम अहमद, उपनिरीक्षक मंगला सिंह, उपनिरीक्षक परवेज हुसैन एवं उपनिरीक्षक राजेंद्र प्रसाद सिंह को हत्या के षडयंत्र का दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने सभी दोषियों पर जुर्माना भी ठोका है। अदालत ने अपने 19 पृष्ठ के आदेश में मृत्युदंड के आरोपियों के कृत्य एवं आचरण पर गंभीर टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि यद्यपि सभी आरोपी पुलिसकर्मी हैं तथा इस समय वह वृद्ध अथवा बीमार अथवा चलने फिरने में असमर्थ हैं लेकिन जिनकी हत्याएं की गई हैं उनका क्या अपराध था? अदालत यह समझती है कि समाज में यह संदेश जाना चाहिए कि यह न्याय का देश है।

क्या कहा अदालत ने

अदालत ने बचाव पक्ष की सभी दलीलों को नकारते हुए कहा कि अगर अभियुक्तों को अपराध के अनुसार सजा नहीं दी जाती है तो अदालत अपना कर्तव्य करने में असफल होगा। अभियुक्तों का कृत्य समाज के विरुद्ध है। इस हमले में वीभत्स व अमानवीय तरीके से हत्याएं की गई हैं। योजनाबद्ध तरीके से पुलिस बल ने अपने अधिकारी की हत्या की। बाद में दिखावे के लिए बारह ग्रामीणों की हत्या कर फर्जी मुठभेड़ दिखा दी। इस घटना में गोली लगने के बाद डीएसपी केपी सिंह को समय रहते उचित चिकित्सा सुविधा भी मुहैया नहीं कराई गई। अदालत ने दोष सिद्ध पुलिसकर्मियों के आचरण पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यदि सामान्य व्यक्ति द्वारा इस प्रकार की हत्या की जाती तब मामले की स्थित अलग होती परंतु इस मामले में पुलिस कर्मियों ने फर्जी मुठभेड़ में लोगों की जघन्य हत्याएं की हैं। लिहाजा अदालत की राय में वे कठोर दंड के भागी हैं।

यह था मामला

12 मार्च, 1982 की रात में माधवपुर गांव में डकैतों का गिरोह होने का सुराग मिलने की बात कहकर तत्कालीन थानाध्यक्ष आरबी सरोज डीएसपी केपी सिंह को पुलिस के पीएसी के जवानों के साथ लेकर गए। गांव में किसी डकैत के न मिलने पर डीएसपी और थानाध्यक्ष सरोज के बीच कहासुनी हुई। उसी के बाद डीएसपी को गोली मार दी गई। गोली लगने के बाद डीएसपी सिंह को चिकित्सकीय सहायता के लिए भी नहीं ले जाया गया। जांच में पता चला कि डीएसपी केपी सिंह थानाध्यक्ष सरोज व कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ कुछ आरोपों की जांच कर रहे थे। इसी के चलते उन्हें खत्म करने की साजिश रची गई। इसे मुठभेड़ का रूप देने के लिए 12 ग्रामीण एकत्रित किए गए और उन्हें भी गोली मार दी गई। बाद में उन्हें डकैत बताया गया।