अगले महीने होगा फैसला 

ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की नवंबर महीने में होने वाली बैठक में इस बात का फैसला लेगी, जिसमें वो एक्सचेंज ट्रेडड फंड यानी ईटीएफ में निवेश की गई राशि का कुछ हिस्सा अंशधारकों के खाते में जमा करेंगे। ईटीएफ  एक प्रकार का स्टॉक एक्सचेंज में निवेश है, जो कि बॉन्ड के जरिए किया जाता है।  

 

इस कदम पर कैग की सैंद्धांतिक मंजूरी

कैग ने ईपीएफओ के  इस कदम को अपनी सैंद्धांतिक मंजूरी दे दी है। श्रम मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले इस साल की शुरुआत में हुई सीबीटी की बैठक में इसे कैग के पास मंजूरी के लिए भेजने पर सहमति बनी थी। कैग ने हालांकि अपनी मंजूरी देने के साथ ही कुछ आपत्तियां जताई हैं, जिन पर अगली मीटिंग में विचार किया जाएगा।

 

45 हजार करोड़ का निवेश

इस फाइनेंशियल ईयर की समाप्ति तक ईपीएफओ द्वारा ईटीएफ में किया गया निवेश 45 हजार करोड़ के पार चला जाएगा। ईपीएफओ ने ईटीएफ  में अगस्त 2015 में निवेश करना शुरू किया था।  पहले यह 5 परसेंट थी, जिसे बढ़ाकर 15 परसेंट कर दिया गया है। ईटीएफ  में किए गए अंशधारकों के निवेश को विथड्रॉल के वक्त पर निकाल सकेंगे। ईपीएफओ के पास अभी 10 लाख करोड़ का कॉर्पस फंड है।

 

पेपरलेस वर्किंग 

ईपीएफओ अगले साल तक पूरी तरह से पेपरलेस हो जाएगा। केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत इसे किया जाएगा। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि अभी ईपीएफओ की कुछ सर्विस ही ऑनलाइन हुई हैं।  हालांकि, लोगों की सुविधा के लिए जल्द ही कई सारी सर्विस डिजिटल हो जाएंगी। 

 

नहीं भरना होगा फॉर्म

एक साल बाद आपको पीएफ  अकाउंट खोलने के लिए किसी तरह का फॉर्म नहीं भरना होगा। कर्मचारी को अपनी सारी डिटेल ऑनलाइन देनी होगी, जिसको कंपनी के द्वारा वैरिफाई करने के बाद उसका अकाउंट शुरू हो जाएगा। 

 

कंपनी बदलने पर देना होगा सिर्फ यूएएन नंबर 

अगर कोई कर्मचारी एक कंपनी बदलकर दूसरी कंपनी में जाता है, तो फिर उसे नई कंपनी में केवल अपना यूएएन नंबर देना होगा और पेपर वर्क करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ नॉमिनी की डिटेल और शेयर प्रतिशत के बारे में भी एक ही बार जानकारी देनी होगी। 


श्रम कानून में होगा सुधार

गंगवार ने कहा कि श्रम कानून में सुधार किया जाएगा, जिसके बाद चार कोड में इन्हें बांटा जाएगा। इसके लिए कंपनियों और ट्रेड यूनियन से सरकार बात कर रही है।

 

जुड़ेंगी 10 लाख नई कंपनियां 

अभी देश भर में 1 करोड़ से अधिक कंपनियां और फर्म काम कर रही हैं, लेकिन केवल 10 लाख कंपनियां ही ईपीएफओ से रजिस्टर्ड हैं। इसको बढ़ाकर 20 लाख किया जाएगा। ईपीएफओ ऐसी कंपनियों को अपने से जोड़ेगा, जिनके यहां 20 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। 

 

40 करोड़ श्रमिकों को जल्द मिलेंगी ये सुविधाएं

केंद्र सरकार देश भर के 40 करोड़ श्रमिकों को भी जल्द ही पीएफ-पेंशन और इन्श्योरेंस की सुविधा देने जा रही है। इसके लिए सरकार जल्द ही  घोषणा करेगी। लोगों को अपने प्रोविडेंट फंड के लिए बार-बार ईपीएफओ के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। 

 

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