-मंडुआडीह में बरामद एक टन विस्फोटक व तैयार करने के सामान में मिला लोहे का बुरादा

-एक्सप‌र्ट्स का दावा, हथगोले बनाने के लिए यूज होता है बरामद प्रोडक्ट

-बरामद विस्फोटक में लगती चिंगारी तो डैमेज हो जाते 200 मीटर दायरे में कई मकान

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मंडुआडीह पुलिस ने मंगलवार को जो एक टन विस्फोटक बरामद किया है वो आम विस्फोटक नहीं है बल्कि आतिशबाजी बनाने की आड़ में इससे हथगोला बनाया जाता था। और इसे चुनावी माहौल को बिगाड़ने की तैयारी के लिए जुटाया गया था। क्योंकि पुलिस को बरामद विस्फोटक के साथ इसे तैयार करने वाले जो सामान मिले हैं वो किसी आतिशबाजी को तैयार करने में इस्तेमाल नहीं होते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो बरामद लोहे का बुरादा, एल्यूमिनियम का पाउडर और सेफ्टी फ्यूज का इस्तेमाल हथगोले बनाने के लिए होता है। हालांकि ये हथगोले एक दो की संख्या में नुकसान कम पहुंचाते हैं लेकिन दहशत ज्यादा फैलाते हैं। इससे ये पूरी आशंका की जा रही है कि पकड़ा गया विस्फोटक और सामान का इस्तेमाल होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान दहशत फैलाने के लिए ही होना था।

दहशत फैलाना था मकसद

मंडुआडीह पुलिस ने इस अवैध विस्फोटक के साथ जिन लोगों को पकड़ा है उनसे अभी पूछताछ जारी है। पुलिस इन लोगों को अवैध पटाखा फैक्ट्री संचालित करने वाला गैंग बता रही है। लेकिन इनके पास से विस्फोटक और पटाखा बनाने का जो सामान बरामद हुआ है वो कुछ और ही कहानी कह रहा है। बरामद सामान में 10 केजी सोरा, पांच किग्रा गंधक, पांच किग्रा कोयले का चूरा, पांच किग्रा लोहे का चूरा, साढ़े तीन किग्रा एल्यूमिनियम का चूरा और गन पाउडर के अलावा पोटाश और सेफ्टी फ्यूज शामिल हैं। इस बारे में आईआईटी बीएचयू के केमिकल इंजीनियर प्रो। पीके मिश्रा ने पूछने पर बताया कि सोरा, कोयले का चूरा और गंधक का इस्तेमाल तो नार्मली आतिशबाजी बनाने में होता है लेकिन अगर लोहे का बुरादा, एल्यूमिनियम और सेफ्टी फ्यूज भी मिला है तो इसका साफ मतलब है कि विस्फोटक बनाने वाले हथगोले बनाने का काम भी कर रहे थे। क्योंकि लोहे और एल्यूमिनियम का यूज विस्फोटक में हल्के नुकसान के लिए किया जाता है। जबकि सेफ्टी फ्यूज का यूज दहशत फैलाने वाले बमों को बनाने में होता है। हालांकि इन बमों से नुकसान ज्यादा नहीं हो सकता लेकिन भगदड़ और दहशत जरूर फैल सकती है।