--PM के संसदीय क्षेत्र में पुलिसिंग में बदलाव लाने के प्रदेश सरकार के फैसले के बाद ADG बी महापात्रा ने संभाला चार्ज

- सुबह नौ बजे सुनी जनता की समस्याएं, कल तक फरियादियों को टरकाने वाले पुलिसकर्मी जुटे रहे पब्लिक की आवभगत में

VARANASI

सत्ता बदली, नियम बदले तो खाकी यानि पुलिस भी अब कुछ बदली सी दिखने लगी है। ये बदलाव सोमवार को उस वक्त देखने को जब नई व्यवस्था के तहत जोन में एडीजी के बैठने का सिलसिला शुरू हो गया। शासन की मंशा के अनुरुप वाराणसी जोन की कमान एडीजी बी महापात्रा ने संभाल ली है। सोमवार की सुबह नौ बजे ही जब एडीजी अपने दफ्तर पहुंचे तो फरियादी उनसे मिलने को आतुर दिखे। इस पर एडीजी भी बगैर देर किए जनता दरबार लगाया तो ऑफिस में मौजूद पुलिस वालों ने अपनी ऐंठन छोड़ फरियादियों को ठंडे पानी का ग्लास थमाकर उनका वेलकम भी किया। ये बदलाव भले ही छोटा हो लेकिन इससे उम्मीद जगी है पुलिस की वर्किग स्टाइल में बदलाव की।

बताई अपनी प्लैनिंग

सोमवार को बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के बाद एडीजी बी महापात्रा सुबह नौ बजे ही अपने ऑफिस में पहुंच गए थे। तीन घंटे तक जन सुनवाई के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पुलिस नए तेवर में दिखेगी। कानून - व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले जेल में होंगे। भू माफिया पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नक्सल प्रभावित जिलों में शासन की योजनाओं को प्राथमिकता के साथ लागू कराया जाएगा। बनारस में गंगा आरती के दौरान सुरक्षा के तगड़े इंतजाम होंगे। भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुलिस की विशेष नजर होगी।

सुधरना होगा पुलिस को

एडीजी ने ये साफ कर दिया कि हालात पहले जैसे नहीं रहेंगे और एसओ से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों को अपनी अपनी वर्किग स्टाइल में बदलाव लाना होगा। उन्होंने वार्निग देते हुए कहा कि लापरवाह अधीनस्थ अपनी कार्यशैली में बदलाव लाएं नहीं तो कार्रवाई तय है।

बाक्स-

IG ऑफिस बना ADG का दफ्तर

आईजी कार्यालय में एडीजी बी महापात्रा ने सोमवार को चार्ज लिया। यहां भले ही एडीजी के रूप में पहली तैनाती हुई है लेकिन इससे पहले भी तीन एडीजी यहां जोन की कमान संभाल चुके हैं। हालांकि बी महापात्रा से पूर्व यहां कमान संभालने वाले आईजी के पद पर थे और तैनाती के दौरान ही उन्हें एडीजी के रूप में प्रमोशन मिला था। देवराज नागर वर्ष 2005 में बतौर आईजी तैनात हुए थे लेकिन इसी बीच प्रमोशन पाकर वह एडीजी हो गए। उनका कार्यकाल यहां 21 दिन का ही था। इसी तरह वर्ष 2006 में आईजी रहे अंबरीश शर्मा ने भी यहीं पर एडीजी के रूप में प्रमोशन पाया था और 11 दिन तैनात थे। वर्ष 2013 में आईजी के रूप में जीएल मीना तैनात हुए थे। वाराणसी में तैनाती के दौरान ही वह एडीजी बने और लंबे समय तक एडीजी के पद पर यहां रहे।

बदलाव जो होंगे

-गंगा आरती व भीड़भाड़ वाले बाजारों में बढ़ेगी सुरक्षा

- ट्रैफिक के लिए बनेंगे नये प्लैन

-थानों से न लौटे फरियादी, हर हाल में दर्ज हो एफआईआर

-थाने में जनता से हो अच्छा व्यवहार

-किसी मामले की गलत ढंग से न हो तफ्तीश

- जुगाड़ से नहीं अब अच्छे काम पर मिलेगी तैनाती

- जन शिकायतों की विवेचना में लापरवाही नहीं चलेगी

प्लैन जो है ADG का

-ट्रैफिक सिस्टम में सुधार

-भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई

-शासन की योजनाओं को प्रायॉरिटी के साथ अमल में लाना

-जोन की पुलिसिंग में बदलाव

-कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई

-पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के कारण बनारस पुलिस पर विशेष नजर

-शांति व्यवस्था के लिए जन सहयोग

-खुफिया तंत्र होगा मजबूत