जानें देसनवी को
उर्दू लेखक और आलोचक अब्दुल कावी देसनवी भारत के बिहार में देसना गांव में पैदा हुए थे। वे सुल्तान नदवी जो एक प्रसिद्ध इतिहासकार के परिवार से आते हैं जिन्होंने अल्लाह के आखिरी पैगंम्बर मुहम्मद साहिब की आत्मकथा लिखी थी। वहीं कावी के पिता मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज में उर्दू, अरबी और पर्शियन भाषाओं के मशहूर प्रोफेसर रहे थे। जाहिर है ऐसे माहौल में उनका लेखक और भाषाविद् बनना लाजिमी था।
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देसनवी के कलाम का कमाल  
बिहार के आरा जिले से बेसिक एजुकेशन पूरी करने के बाद कावी ने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से गेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया। उसके बाद 1961 में उन्होंने बतौर प्रोफेसर सोफिया पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज भोपाल के उर्दू भाषा विभाग में काम करना शुरू किया बाद में वे इसके विभागाध्यक्ष भी बने। उनके पढ़ाये हुए तमाम छात्र मशहूर स्कॉलर, पीएचडी, कवि और लेखक बने। कावी ने मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, मिर्जा गालिब और अल्लामा इकबाल जैसे कई मशहूर लेखकों और शायरों के ऊपर काम किया और किताबें लिखीं। उनके काम के लिए उन्हें कई साहित्यिक पुरस्कारों से भी नवाजा गया।
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गूगल ने बनाया डूडल
आज कावी की 87वीं जयंती है और इस मौके पर उन्हें सम्मानजनक श्रद्धांजली देते हुए गूगल ने अपना डूडल बनाया है। 1990 में रिटायरमेंट के बाद भी उनको कई उपाधियो से सम्मानित किया गया था। जैसे अध्यक्ष मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी भोपाल, चेयरमैन बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी भोपाल  और डीन फैक्लिटी ऑफ आर्टस बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी भोपाल आदि।   
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