माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज़ फोन के यूट्यूब ऐप को लेकर गूगल और माइक्रोसॅाफ्ट के बीच विवाद छिड़ गया है.

गूगल ने सेवा शर्तों के उल्लंघन की बात कहते हुए विंडोज़ फोन पर यूट्यूब ऐप को ब्लॉक कर दिया है.

गूगल ने माइक्रोसॉफ्ट से कहा था कि वो इस ऐप के लिये एचटीएमएल 5 कोड भाषा का उपयोग करे लेकिन माइक्रोसॅाफ्ट ने ऐसा करने से मना कर दिया था.

माइक्रोसॅाफ्ट के मुताबिक गूगल ये मुद्दे उठाकर जानबूझकर विंडोज़ फोन की राह में रोड़े अटका रही है.

" द लिमिट्स आफ गूगल ओपननेस" यानी 'गूगल के खुलेपन की सीमाएं' शीर्षक वाले एक ब्लॅाग पोस्ट में माइक्रोसॅाफ्ट के वकील डेविड हॉवर्ड ने गूगल से यूट्यूब सेवा दोबारा शुरू करने का अनुरोध किया है.

'असंगत'

डेविड हॅावर्ड ने कहा है, "गूगल की ये आपत्तियाँ असंगत हैं. ऐसा लगता है कि गूगल ने सेवा को बंद करने का फ़ैसला जानबूझकर लिया है ताकि हमारे उपभोक्ता ऐप में एंड्रॉएड और आइफोन जैसा मज़ा न ले सकें. गूगल को पता है कि हम इस समस्या को नहीं सुलझा सकते."

हालांकि गूगल ने अपने इस कदम का बचाव किया है.

गूगल ने कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण है कि यूट्यूब के सभी फीचर के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने ब्राउज़र अपग्रेड को ज़रूरी नहीं बनाया है और इसकी जगह ऐसा यूट्यूब ऐप दोबारा रिलीज़ किया जो हमारी सेवा शर्तों का उल्लंघन करता है. इस ऐप को बंद कर दिया गया है."

रिसर्च फर्म गार्टनर के मुताबिक विंडोज़ तीसरा सबसे लोकप्रिय मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है.

हालांकि विंडोज़ अब भी एपल के आईओएस और गूगल के एंड्रॉएड से काफी पीछे है.

यूट्यूब को लेकर गूगल-माइक्रोसॉफ्ट में विवाद

गूगल चाहती है कि माइक्रोसॉफ्ट जो यूट्यूब ऐप बनाए वो सिर्फ़ विंडोज़ फोन के लिए न हो.

इस वजह से विंडोज़ फोन में काफी कम ऐप हैं.

इससे निपटने के लिए माइक्रोसॉफ्ट कुछ अहम सेवाओं को विंडोज़ प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए खुद अपने संसाधनों का निवेश कर रहा है.

'अजीब अनुरोध'

मई में माइक्रोसॉफ्ट के पहले यूट्यूब ऐप को गूगल ने ये कहते हुए बंद कर दिया था कि ये ऐप ठीक से विज्ञापन दिखाने में सक्षम नहीं है.

इसके बाद दोनों कंपनी इसके नए संस्करण को मिलकर बनाने पर सहमति हो गयी थीं लेकिन गूगल ने इसे सिर्फ़ विंडोज़ फ़ोन के लिए न बनाने और एचटीएमएल-5 कोड भाषा में बनाने पर ज़ोर दिया था.

लेकिन माइक्रोसॉफ्ट के वकील डेविड हॉवर्ड के अनुसार ये 'अजीब अनुरोध' था, और माइक्रोसॉफ्ट के लिए 'न्याय संगत भी नहीं' था.

डेविड हॉवर्ड ने लिखा, "एंड्रॉएड और आइफ़ोन के यूट्यूब ऐप भी एचटीएमएल-5 कोड भाषा पर आधारित नहीं है लेकिन फिर भी इस तरह की किसी भी संभावना को खोजने के लिए हमने अहम इंजीनियरिंग संसाधन लगाए थे."

डेविड हॉवर्ड ने लिखा, "अंत में गूगल और माइक्रोसॉफ्ट दोनों के विशेषज्ञों ने ये निष्कर्ष निकाला कि एचटीएमएल-5 पर आधारित यूट्यूब ऐप बहुत तकनीकी रूप से जटिल और ज़्यादा समय लेने वाला होगा."

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