ऐसी है नियमावली

सबसे पहले आपको बता दें कि गूगल खुद में एक सर्च इंजन है और माइक्रोसॉफ्ट बिंग नाम से एक सर्च इंजन चलाती है। बताया गया है कि टेक्निकल फील्ड में ये दोनों बड़ी वैश्विक कंपनी पहली बार पाइरेसी करने वाली साइटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को लेकर सहमत हुई हैं। इस सहमति के तहत दोनों कंपनी ने फैसला किया है कि वह अपने सर्च इंजन की सुरक्षा को अब और भी ज्यादा सख्त करेंगी।

पढ़ें इसे भी : ये स्मार्ट ऐप रखेंगी आप के फोन को सिक्योर

ऐसी साइटों को किया जाएगा इग्नोर

एक रिपोर्ट के अनुसार दोनों कंपनियों ने मिलकर एक स्वैच्छिक आचार संहिता पर हस्ताक्षर किए हैं। इस आचार संहिता में दर्ज नियमावली के अनुसार गूगल और बिंग उन वेबसाइटों को पूरी तरह से इग्नोर कर देंगे जिन्हें बार-बार कॉपीराइट उल्लंघन का नोटिस दिया गया है। ये सर्च इंजन ऐसी साइट्स को अपने पहले पेज पर जगह बिल्कुल नहीं देंगी।

पढ़ें इसे भी : इस स्मार्टफोन की डिस्प्ले टूटी तो अपने आप सही हो जाएगी

सरकारी संस्था रखेगी दोनों पर नजर

बता दें कि इस नियमावली को स्वेच्छा से लागू करने की बात कही गई है। इसके बावजूद कॉपीराइट पर नजर रखने वाली सरकारी संस्था अगले कुछ महीनों तक इन दोनों सर्च इंजनों पर बराबर नजर रखेगी। वह इस बात पर नजर रखेगी कि ये सर्च इंजन कहां तक इस नियमावली का पालन कर रहे हैं।  

पढ़ें इसे भी : 31 मार्च के बाद जियो लेकर आ रहा है एक और बेहतरीन प्लान, जानिए क्या है वो

अब होगा दूध का दूध और पानी का पानी

अब आगे देखना ये है कि दोनों कंपनियों के ऐसे कदम से फिल्म, टीवी और म्यूजिक इंडस्ट्री को कितना फायदा मिलने वाला है। इसके पीछे एक कारण और भी है। वह है ये कि गूगल बहुत लंबे समय से ये तर्क देता आ रहा है कि पायरेसी वेबसाइटों पर जाने वाले ट्रैफिक का बहुत छोटा हिस्सा ही सर्च इंजनों से होकर गुजरता है। ऐसा बहुत ज्यादा होना मुमकिन नहीं है। वहीं अब गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के इस नियमावली पर सहमति से बहुत जल्द सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

Technology News inextlive from Technology News Desk