इलाहाबाद से रहा कवि गोपाल दास 'नीरज' का गहरा नाता
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ALLAHABAD: देश के प्रख्यात कवि गोपाल दास 'नीरज' का गुरुवार को निधन हो गया लेकिन उनका इलाहाबाद से गहरा नाता था। 1986 के जून महीने में जब यश मालवीय उनसे मिलने के लिए होटल यात्रिक पहुंचे थे, तब उन्होंने यश से कहा था कि यहां आने का मेरा तीन लक्ष्य है। पहला संगम स्नान करना, दूसरा आनंद भवन देखना और तीसरा महीयशी महादेवी वर्मा का पैर छूना। तीसरा लक्ष्य पूरा कराने के लिए यश मालवीय उन्हें अपनी स्कूटर पर बैठाकर अशोक नगर दुर्गा पूजा पार्क के बगल में स्थित महादेवी जी के आवास पर लेकर गए थे।

बेटे की आवाज सुनकर उठ गई मां
वर्तमान समय में नवगीत विधा के प्रख्यात कवि यश मालवीय ने बताया कि जून का महीना था। होटल से स्कूटर पर बैठाकर जब उनके आवास पर पहुंचा तो नीरज जी की आवाज सुनकर महादेवी जी उठ गई। नीरज जी ने उन्हें देखा तो तपाक से उनका पैर छूने लगे। इस पर महादेवी जी ने उन्हें गले लगा लिया। यश मालवीय ने बताया कि तब नीरज जी ने यही कहा कि यहां आकर मेरी तीसरी इच्छा पूरी हो गई।

'कविताएं कभी तालियों की मानक नहीं होती'
इलाहाबाद में बड़े स्तर पर होने वाले कवि सम्मेलनों में आयोजकों की ओर से नीरज जी को जरुर बुलाया जाता था। वर्ष 2011 के त्रिवेणी महोत्सव में कवि सम्मेलन में जब उन्होंने मंच संभाला तो यही कहा था कि 'कविताएं कभी तालियों की मानक नहीं रही है'। उस वक्त मंच पर मौजूद डॉ। श्लेष गौतम ने बताया कि इस वाकए के बाद जब उन्होंने अपनी काव्य पंक्तियों को समाप्त किया तब उन्होंने कहा था कि 'एक कवि को कभी भी मंच से तालियों की भीख नहीं मांगनी चाहिए'। प्रख्यात कवि शैलेन्द्र मधुर ने बताया कि हंस वाहिनी संस्था की ओर से तीन बार कवि सम्मेलन में उन्हें बुलाया गया था, जिसमें बुलाने पर उन्होंने बिना देरी अपनी सहमति दे दी थी।

यहीं मिला था काव्य कुंभ सम्मान
कवि नीरज जी का अंतिम बार इलाहाबाद आना तीस जून 2013 को हुआ था। मौका था कैलाश गौतम सृजन संस्थान की ओर से उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन का। जिसमें देश के प्रख्यात शायर डॉ। राहत इन्दौरी, डॉ। उदय प्रताप सिंह, डॉ। विष्णु सक्सेना व डॉ। सरिता शर्मा जैसी शख्सियतें शामिल हुई थी। सम्मेलन के समापन पर नीरज जी को प्रदेश की तत्कालीन संस्कृति मंत्री अरुणा कोरी व संस्थान के अध्यक्ष डॉ। श्लेष गौतम की ओर से कैलाश गौतम काव्य कुंभ सम्मान से सम्मानित किया गया था।

31 हजार का प्रदान किया था नकद पुरस्कार
इस कवि सम्मेलन में काव्य कुंभ सम्मान के अन्तर्गत नीरज जी को 31 हजार रुपए का नकद पुरस्कार, श्रीफल, स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया था। उस दौरान उन्होंने इतना प्यार दिए जाने पर इलाहाबाद का शुक्रिया अदा किया था। साथ ही यह भी कहा था कि यह शहर साहित्यिक रुचि का प्रदेश में सबसे बड़ा केन्द्र है।