छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: सरायकेला के 17 वर्षीय तीरंदाज गोरा हो ने बैंकाक में चल रहे एशिया कप तीरंदाजी चैंपियनशिप की टीम स्पद्र्धा में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमा लिया। गोरा हो, आकाश व गौरव लांबे की भारतीय टीम ने मंगोलिया के बसानखू, ओटगोनबोल्ड व गानटग्स को टाईब्रेकर में 27-26 से पराजित कर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमा लिया। भारत के जूनियर तीरंदाजों ने उक्त चैंपियनशिप में कुल तीन स्वर्ण व दो कांस्य पदक जीते। व्यक्तिगत स्पद्र्धा में असम की प्रोमिला दायमरी ने स्वर्ण पर निशाना साधा। कंपाउंड महिला वर्ग में मुस्कान किरार ने मलेशिया की तीरंदाज को 139-136 से हराकर स्वर्ण पर कब्जा किया।

प्रतिभा का है धनी

बचपन से ही प्रतिभा के धनी गोरा हो को पिछले ही साल राज्य सरकार ने 2.70 लाख रुपये का तीर-धनुष प्रदान किया था। फिलहान पुणे स्थित आर्मी ब्वायज क्लब में अभ्यास करने वाले गोरा सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर स्थित बालीजुड़ी गांव के रहने वाले हैं। गोरा हो अपनी सफलता का श्रेय दुगनी स्थित तीरंदाजी अकादमी के कोच बीएस राव को देते हैं। गोरा पहले इंडियन राउंड के तीरंदाज थे, बीएस राव की पहल पर ही उन्होंने रिकर्व तीरंदाजी में भाग्य आजमाया। गोरा के पिता लकवाग्रस्त हैं, जबकि मां गृहिणी हैं। 2014 नेशनल गेम्स के दौरान गोरा पहली बार सुर्खियों में आए थे, जब वे तीन स्वर्ण अपने नाम कर लिया था। 2015 में जमशेदपुर में आयोजित 11वीं झारखंड राज्य तीरंदाजी चैंपियनशिप में गोरा ने दस पदक जीते थे। 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें नेशनल चाइल्ड अवार्ड से सम्मानित किया था।