राप्ती के पास होती है टेस्टिंग
क्रिमिनल्स की डिमांड के बाद आर्म्स डीलर उनके सामने ही राप्ती नदी के किनारे और आउटस्कर्ट एरिया में आर्म्स की टेस्टिंग कराते हैं। फायरिंग की आवाज पब्लिक और पुलिस दोनों के कानों तक पहुंचती है लेकिन पुलिस कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साध कर बैठ जाती है। राजघाट स्थित राप्ती का किनारा या फिर महेसरा पुल के आस-पास का एरिया आर्म्स टेस्टिंग के लिए सबसे ज्यादा सेफ माना जाता है और दिन के उजाले में भी इस एरिया मे टेस्टिंग की जाती है। एरिया के आस-पास रहने वाले लोगों ने कई बार फायरिंग की आवाज भी सुनी हैैं।

हर तरह के आर्म्स
आजमगढ़ से 312 व 315 बोर के कïट्टे और कारतूस, बिहार के पटना, मुज्जफरपुर से रिवॉल्वर, सिवान से माउजर, पिस्टल और रिवॉल्वर के साथ उनकी बुलेट, मुंगेर से 9 एमएम पिस्टल, कार्बाइन और उसकी मैगजीन की सप्लाई होती है। रक्सौल और नेपाल से अल्ट्रा मॉडर्न गन के साथ-साथ उनकी मैगजीन की भी सप्लाई की जाती है। नेपाल के क्रिमिनल्स और माओवादियों को एके 47, एके 56 और ग्र्रेनेड्स मुंहमांगी कीमत पर बेची जाती है।

ट्रेन में छोड़कर चले जाते हैं आर्म्स
कैरियर आर्म्स को किसी नॉर्मल पैसेंजर की तरह ही कैरी करते हैं, इसके लिए वो आर्म्स को बैग में रखकर दूर से उस पर नजर रखते हैं। डेस्टिनेशन पर पहुंच कर बड़े आराम से बैग उठा कर चलते बनते हैं। अगर चेकिंग के दौरान आर्म्स पकड़े जाते हैं तो कैरियर वहां माल छोड़ वहां से खिसक लेते हैं। अभी हाल ही में एक ट्रेन में पैकेट मे गोलियों से भरा एक बैग बरामद किया गया था। जिसे एक कैरियर ने चेकिंग के दौरान छोड़ दिया था।


ट्रेन से भी होती है सप्लाई
गोरखपुर हर तरह से क्रिमिनल्स के लिए इजिली एक्सिसेबल ट्रांजिट प्वाइंट बन गया हैं। क्रिमिनल्स के लिए रोड के साथ-साथ रेलवे भी अब एक आसान ट्रांसपोर्टेशन मीडियम बन गया हैं। इस बात की तस्दीक हाल में पकड़े गए क्रिमिनल्स और रिकवरर्ड आर्म्स करते हैैं। ट्रेन से रोज हजारों की संख्या में पैसेंजर्स जर्नी करते हैैं और इनमें शामिल होकर क्रिमिनल्स आसानी से अपने मंसूबे पूरे कर लेते हैैं।


1. चार साल पहले दिसंबर में दिल्ली पुलिस ने एक नेपाली माओवादी लोकनाथ पंत को अरेस्ट किया था। उसके पास से लगभग 500 डेटोनेटर्स रिकवर किए थे। अपने कंसाइनमेंट को वह गोरखधाम एक्सप्रेस से गोरखपुर लेकर आता था और फिर वाया रोड यहां से नेपाल ले जाता था।
2. 21 मई 2010 को गोंडा जीआरपी ने गोंडा के रहने वाले मो। सुलेमान रायनी को इललीगल आर्म्स के साथ गोंडा रेलवे स्टेशन से अरेस्ट किया था। वह बरौनी ग्वालियर एक्सप्रेस से गोंडा पहुंचा था। उसके पास से कई पिस्टल और मैग्जीन रिकवर हुई थी।
3. इसी साल 11 जनवरी को बिहार के चंद्रपुर स्टेशन पर बिहार जीआरपी ने मौर्या एक्सप्रेस से 20 कंट्रीमेड पिस्टल रिकवर की थी। पिस्टल की खेप रांची से गोरखपुर मौर्या एक्सप्रेस से भेजी जा रही थी।

इन वारादातों के लिए सिटी से हुई थी सप्लाई
- सितम्बर 2010 में लखनऊ के सीएमओ बीपी सिंह मर्डर केस में पुलिस ने बिहार से आर्म्स का कारोबार करने वाले बेलघाट गोरखपुर के शचीन्द्र को अरेस्ट किया था। जिसके पास से 7.65 एमएम की दो पिस्टल रिकवर हुई थी। जिससे साफ है कि सिटी अवैध आर्म्स का हब बन गया हैैं।
- जून 2011 में पुलिस ने चौरीचौरा के सोनबरसा से फिरोज और बाबर को अरेस्ट किया। इनके पास से 8 पिस्टल और दो रिवाल्वर बरामद हुए थे। जिससे साफ है कि सिटी से तस्करों के तार जुड़े हैैं।
- जुलाई 2011 में एसटीएफ ने बस्ती के भुपेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया। सीएमओ मार्डर केस में इसने आर्म्स सप्लाई किए थे। कई हाईप्रोफाइल मामले में आर्म्स के सिटी से सप्लाई होने की सबूत मिलते रहे है।
- जुलाई 2011 में आशीष जायसवाल के पास से पुलिस ने अवैध पिस्टल और रिवाल्वर रिकवर की। जो मऊ और बलिया से लाकर बेची जानी थी। तस्करों के लिए ट्रांजिक प्वाइंट है सिटी।
- अगस्त 2011 में कुशीनगर के धर्मेन्द्र दुबे उर्फ चन्द्रशेखर को कोतवाली पुलिस ने बिहार से कार्बाइन, प्रतिबंधित बोर की पिस्टल के साथ अरेस्ट किया। धर्मेन्द्र ने माना कि सप्लाई के लिए आउटर एरिया में टेस्टिंग करते थे।
- नवबंर 2012 में चिलुआताल पुलिस ने डकैती के मामले में एक आरोपी को अरेस्ट किया था। जिसके पास पुलिस की वर्दी मिली थी। वर्दी पहन कर बिहार से आर्म्स की तस्करी करता था।
- फरवरी 2013 में कैंट पुलिस ने आर्म्स तस्करी के मामले में एक आरोपी को अरेस्ट किया था। उसके पास से 9 एमएम की पिस्टल बरामद हुई थी।
 
अवैध आर्म्स के रेट-
कार्बाइन - 35 से 40 हजार रुपए में
पिस्टल- 18 से 20 हजार
रिवॉल्वर- 15 से 20 हजार
9 एमएम पिस्टल- 20 से 38 हजार
ग्र्रेनेड- 2 से 5 हजार

(पुलिस सूत्रों के मुताबिक)

महेसरा पुल के किनारे सुनसान एरिया में आए दिन फायरिंग की आवाज सुनाई देती हैं। शूटिंग रेंज नहीं होने के बाद भी आए दिन फायरिंग की आवाज आती हैैं। दिन के उजाले में भी लोग वहां आने-जाने से डरते हैैं।
-विनोद, लोकल रेजीडेंट

नौसढ़ और राप्ती किनारे आए दिन फायरिंग की आवाज सुनाई देती हैं। यहीं नहीं कई बार तेज धमाके भी सुनाई देते है जैसे कोई बम फोड़ रहा हो।
-सुधीर, लोकल रेजीडेंट

आर्म्स तस्करी रोकने के लिए पुलिस ने स्पेशल प्लान तैयार किया हैै। इसमें इंटेलीजेंस की भी हेल्प ली जा रही हैै। कुछ लोगों को प्वाइंट आउट भी किया गया हैं। टीम इस पर वर्क कर रही हैै। जल्द ही बड़ी सफलता मिलेगी। सिटी को स्मगलर्स?के लिए ट्रांजिक प्वाइंट बनने से रोका जाएगा.
प्रदीप यादव, एसएसपी

 

report by : mayank.srivastava@inext.co.in