-गैजेट्स और अप्लायंस की मार्केट को भी बजट से काफी उम्मीद

-ई-वे बिल की राह हो आसान, वहीं जीएसटी में भी मिले छूट

-इनकम टैक्स स्लैब भी बढ़ने की लगा रखी है उम्मीद

GORAKHPUR: गुड्स एंड सर्विस टैक्स ने व्यापारियों का जीना मुहाल कर रखा है। खास तौर पर छोटे कारोबारी इससे खासे परेशान हैं। बजट की डेट डिक्लेयर होने के बाद अब व्यापारियों की निगाह भी इसी बजट पर जा टिकी है। सभी सरकार से उम्मीद लगाए हुए हैं कि इस बजट में सरकार उन्हें थोड़ी राहत दे, जीएसटी की मार कम हो, तो उनका कारोबार थोड़ा रफ्तार पकड़े। वहीं, सरकार जीएसटी के साथ ही जो ई-वे बिल की नई व्यवस्था शुरू होने जा रही है, उसकी राह सरकार आसान कर दे, जिससे छोटे व्यापारियों को राहत मिल सके।

इनकम टैक्स स्लैब में हो इजाफा

इस वक्त व्यापारियों पर टैक्स की दोहरी मार पड़ी हुई है। एक तरफ जहां उन्हें सामान के लिए जीएसटी अदा करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर इनकम टैक्स का भी भारी भरकम बोझ लोगों को परेशान कर रहा है। व्यापारियों को उम्मीद है कि सरकार इस बार जहां जीएसटी के रेट्स में कमी करेगी, वहीं टैक्स स्लैब बढ़ाकर भी उन्हें राहत देगी। इससे सामान के रेट कम होंगे और टैक्स कम हो जाने से पब्लिक को भी महंगाई की मार से आजादी मिल जाएगी।

सरकार इनकम टैक्स स्लैब में व्यापारियों को राहत दे, तभी बात बनेगी। अभी टैक्स का बोझ ज्यादा है, सरकार को इसे कम करना चाहिए।

- आनंद रूंगटा, संचालक, रूंगटा एजेंसीज

गुड्स एंड सर्विस टैक्स से व्यापारी परेशान थे। इसके साथ ही सरकार ई-वे बिल भी लागू करने जा रही है। यह ज्यादा पेचीदा न हो, तभी व्यापारी और लोगों को भी राहत मिलेगी।

- अतुल सिंह, प्रोपराइटर, क्लाइमेट व‌र्ल्ड

सरकार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रही है, लेकिन इससे जुड़े सामानों पर टैक्स बढ़ता ही जा रहा है। सरकार को इन सामानों से टैक्स का बोझ कम कर देना चाहिए।

- दिनेश मोदी, मोदी मोबाइल व‌र्ल्ड

सरकार ने पिछले बजट में टैक्स स्लैब ज्यादा नहीं बढ़ाया, इससे व्यापारी वर्ग को काफी नुकसान हुआ। इस बार वह उम्मीदें लगाए हुए हैं कि उन्हें इनकम टैक्स में राहत मिलेगी।

- पंकज अरोड़ा, ओमेगा स्पो‌र्ट्स एंड रेडियो व‌र्क्स

इस वक्त सिक्योरिटी के लिए लोग सीसीटीवी कैमरों का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने इस पर 18 परसेंट टैक्स लगा रखा है, जिससे कुछ लोग चाहकर भी इसे खरीद नहीं पा रहे हैं। इसपर से भी टैक्स कम होना चाहिए।

- संजय जालान, जालान डिस्ट्रिब्यूटर्स

गवर्नमेंट, ई-मार्केट को बढ़ावा दे रही है, इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन उन्हें रिटेलर्स का भी ख्याल रखना चाहिए। दोनों के सामान सस्ते न सही, लेकिन रेट सेम होने चाहिए।

- भोला तिवारी, एसआईएस कंप्यूटर्स

कंप्यूटर रिटेल मार्केट को ई-कॉमर्स ने काफी नुकसान पहुंचाया है। सरकार को चाहिए कि रिटेल में सामान बेचने वालों को थोड़ा राहत दें और इन्हें टैक्स में भी रियायत मिले।

- मुकेश तिवारी, जेबीएल डिस्ट्रिब्यूटर्स