- इंसेफेलाइटिस को लेकर कमिश्नर पी। गुरु प्रसाद ने की मीटिंग

- चार जिले के डीएम समेत बड़ी तादाद में अधिकारी रहे शामिल

GORAKHPUR: मंडल में इंसेफेलाइटिस ही एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जिसने हजारों मासूमों को काल के गाल में भेज दिया। वहीं जो इससे बच गए, वह विकलांगता के शिकार बन गए। सरकार अपने स्तर से इस बीमारी से मासूम बच्चों को बचाने का प्रयास कर रही है। इस बीमारी से बचाव और रोकथाम के लिए सबसे जरूरी है कि समाज के सभी लोग इस बीमारी के बारे में जानें और यह भी जानें कि यह बीमारी कैसे होती है, हमारे आस पास कौन से ऐसे कारक है जो इस बीमारी को पैदा करती है और इससे कैसे बचा जाए। यह बातें कमिश्नर पी। गुरू प्रसाद ने कही। वह आयुक्त सभागार में मंडल स्तरीय कार्यशाला में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

11 जुलाई से चलेगा अभियान

गोरखपुर मंडल के सभी ग्रामों और वा‌र्ड्स में लोगो को इंसेफेलाइटिस के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके लिए 11 जुलाई से 17 जुलाई तक इंसेफेलाइटिस जागरुकता सप्ताह मनाया जाएगा। कमिश्नर ने कहा कि यह प्रोग्राम अहम है। इसमें सभी अधिकारियों की अधिक सक्रिय भूमिका होनी चाहिए। हमें ऐसी बस्तियों और गावों में विशेष ध्यान देना होगा, जहां इस बीमारी का खतरा अधिक है। कार्यक्रम में आशा, आंगनबाड़ी, ग्रास रूट के कर्मचारियों की अहम भूमिका से इस बीमारी से निजात पाने में लोगों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यदि इस बीमारी के संबंध में कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तत्काल नजदीकी ईटीसी सेंटर या स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं। साथ ही ग्रामीणों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिए विकास खंडवार आशा, एएनएम को मध्य प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे वे अपने क्षेत्र में लोगों को जागरुक करेंगी। उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तरीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य, एएनएम, आशा, सीडीपाओ, एडीओ पचांयत, खण्ड शिक्षा अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य है।

मिशन बनाकर करें काम

इस अभियान को एक मिशन मोड में लेकर काम करने की जरूरत है। इससे इस बीमारी से मासूम बच्चों को बचाया जा सके। साथ ही हर स्कूलों में बच्चों को प्रार्थना के दौरान इस बीमारी से बचाव के लिए जानकारी/शपथ दिलाई जाएगी। मौके पर डॉ। बीके श्रीवास्तव ने सभागार में जनपदीय स्तर के अधिकारियों को जेइ/एइएस के कारणों और उससे बचाव के संबंध में जानकारी दी जाएगी। मौके पर चारों जनपद के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, सीएमओ , बीएसए, समाजकल्याण अधिकारी, डीपीआरओ, अधिशासी अभियन्ता, जल निगम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।