- जिला अस्पताल स्थित ऑफिस में जेब भरने में लगे हैं कर्मचारी
-आई नेक्स्ट के स्टिंग में खुली पोल, 100 से 50 रुपए में बना रहे हैं कागज
GORAKHPUR: जिला अस्पताल स्थित सीएमओ कार्यालय में दलालों का जबर्दस्त बोलबाला है। मेडिकल सर्टिफिकेट के नाम पर जमकर कमाई की जा रही है। हालत यह है कि दलालों को सीएमओ का भी खौफ नहीं है। खुलेआम 50 रुपए लेकर मेडिकल सर्टिफिकेट मुहैया कराया जा रहा है। आप भी पढि़ए आई नेक्स्ट के स्टिंग में किस तरह उजागर हुआ यह खेल
सीन-1
टाइम: 12 बजे
आई नेक्स्ट रिपोर्टर पर्ची काउंटर पर पहुंचा। एक रुपए की पर्ची कटवाने के बाद मेडिकल बनवाने के लिए वह सीएमओ ऑफिस गया। यहां पर स्टूडेंट्स की काफी भीड़ लगी थी। यहां कई लोग लाइन में लगकर अपना मेडिकल सर्टिफिकेट बनवा रहे थे। काउंटर पर लोग अपना फॉर्म जमा कर रहे थे। वहां फॉर्म जमा कर रहे आदमी के साथ दो-तीन लोग और बैठे हुए थे।
सीन-2
टाइम: 1 बजे
फॉर्म जमा करने के बाद लोगों से 15 मिनट रुकने के लिए कहा गया। इस दौरान फॉर्म जमा कर रहे शख्स के पास कुल 15-20 फॉर्म जमा हो चुके थे। फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद फॉर्म जमा करने वाले के बगल में बैठा शख्स फॉर्म लेकर साहब के पास जाता है। वहां से दस्तखत हो जाने के बाद उक्त शख्स मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ बाहर आता है और लोगों से पैसे लेकर उन्हें सर्टिफिकेट बांटना शुरू कर देता है। इस दौरान वह बार्गेनिंग भी चलती रहती है। किसी से 50 तो किसी से 100 रुपए तक लिए जा रहे थे। कोई ऑब्जेक्शन करता था तो उससे 30-40 रुपए तक ही लिए गए।
बॉक्स-1
16 की जगह ले रहे सौ
मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए स्टूडेंट्स को 16 रुपए देने के लिए अनिवार्य किया गया है। यह हम नहीं यहां के कर्मचारी कह रहे हैं। लेकिन जल्द मेडिकल के नाम पर 100 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। मजबूरी और परेशानी की हालत में स्टूडेंट्स पैसा दे रहे हैं।
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मेडिकल स्टोर पर बिक रहा फार्म
मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए बाहर के मेडिकल स्टोर पर फार्म बेचे जा रहे हैं। आई नेक्स्ट रिपोर्टर दोपहर फार्म लेने के लिए मेडिकल स्टोर पर पहुंचा। जहां उसे फार्म दिया। उसके बाद फार्म लेने के बाद सीएमओ दफ्तर पहुंचा, जहां फार्म फिलअप कर हेल्थ एंप्लाइज को दिया गया। इसके बाद उसने पैसे की डिमांड की। काफी मशक्कत के बाद फिटनेस रिपोर्ट मिली।
रिपोर्टर-दलाल के बीच यूं हुई बातचीत
रिपोर्टर- भाई साहब इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना है। क्या खर्च आएगा?
कर्मचारी- अभी पहले पर्ची बनवाकर लाओ तभी पैसे की बात की जाएगी।
रिपोर्टर- फिर भी कितने पैसे खर्च हो जाएंगे?
कर्मचारी- वैसे तो 50 रुपये लिए जा रहे हैं। ज्यादा जल्दी है तो 100 रुपए में तत्काल मिल जाएगा।
रिपोर्टर- लेकिन असल में फीस तो सिर्फ 16 रुपए है? आप इतना क्यों ले रहे हैं?
कर्मचारी- इससे आप का काम आसान हो जाएगा। सर्टिफिकेट जल्द मिल जाएगा। प्रॉपर तरीके से बनवाने जाओगे तो दौड़ते रह जाओगे।
बॉक्स-3
जिन्होंने पैसे नहीं दिए, दौड़ते रहे
इस दौरान कुछ लोग ऐसे भी थे जो 50 रुपए खर्च नहीं करना चाहते थे। ऐसे लोगों से कहा गया, आप जाकर खुद सर्टिफिकेट बनवा लीजिए। ऐसी हालत में सर्टिफिकेट बनवाने को, पहले मेडिसिन में, फिर सर्जन, ईएनटी और ब्लड टेस्ट भी करवाना पड़ता है। यह सारी रिपोर्ट एक ही दिन में मिल जाए, इसकी भी कोई गारंटी नहीं। ऐसे में अगले दिन फिर से आना होगा और उस दिन पहले दिन की कटी पर्ची मान्य नहीं होगी। ऐसे में लोग झंझट से बचने के लिए दलालों के जरिए ही मेडिकल सर्टिफिकेट बनवा लेते हैं।