-भलोटिया मार्केट, कचहरी रोड, अंबेडकर चौक और पैडलेगंज के पास गढ्डे खोद कर छोड़ गए

-गढ्डा दे रही दुर्घटनाओं को दावत, जिम्मेदार अफसर को फर्क ही नहीं

GORAKHPUR: बिजली विभाग के अफसरों की लापरवाही से शहर में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। महीनों से जगह-जगह बड़े-बड़े गढ्डे खोदकर छोड़ दिए गए हैं। जिससे कभी दुर्घटना घट सकती है। बीच शहर सड़क किनारे गढ्डे से आने-जाने में लोगों को भारी परेशानी हो रही है। वैसे शहर में कई जगह निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं। कुछ जगहों पर तो काम भी पूरा हुए एक महीने हो गए हैं, लेकिन उसके लिए खोदे गए गढ्डे नहीं भरे जा सके है। बारिश का सीजन चालू हो गया है।

शहर के सबसे व्यस्त बाजारों में शुमार भलोटिया मार्केट, कचहरी रोड, पैडलेगंज, अंबेडकर चौक समेत कई मुख्य रोड किनारे गढ्डे हैं। उधर, बिजली निगम की ओर से ठेके पर बिछाया जा रहे अंडर ग्राउंड केबिल के चलते जगह-जगह बने गढ्डे हादसे को दावत रहे हैं। कई रोड पर नाले के निर्माण के लिए गढ्डे खोदे गए थे। नाला निर्माण होने के बाद ठेकेदार ने उस पर गिट्टी छोड़ दिया है।

रोज आते-जाते हैं हजारों लोग

शहर के मुख्य सड़क पर खोदे गए गहरे गढ्डों में वाहन चालक गिरकर दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। दिन में तो लोग जैसे-जैसे गढ्डों से बचते-बचाते निकल जाते हैं, लेकिन रात में गिरकर घायल हो जाते हैं। हाल में तीन दिन पहले बाइक सवार एक व्यापारी भलोटिया मार्केट से सटे गढ्डे में गिरकर घायल हो गया।

कोट

महानगर के कई जगहों पर निर्माण कार्य का हवाल देकर गढ्डे छोड़ दिए गए हैं। इसकी वजह से पब्लिक को आने जाने में दिक्कत होती है। कई बार तो गिरते-गिरते बचे हैं।

अतुल त्रिपाठी

दिन में भी किसी तरह से राहगीर इन रास्तों से निकल जाते हैं लेकिन रात में ये गढ्डे खतरनाक हो जाते हैं। वाहन चालक आये दिन इस पर गिरकर घायल भी हो जाते हैं।

चंद्रशेखर चौरसिया

पूर्वाचल की सबसे बड़ी मंडी में दवा व्यापारियों का आना जाना रहता है। मुख्य मार्ग पर बिजली निगम के ठेकेदारों ने गढ्डा खोद कर छोड़ दिया है। शिकायत के बाद भी कोई अफसर सुनने को तैयार नहीं है।

डॉ। संजय

शहर के विभिन्न जगहों पर गढ्डे हादसे को दावत दे रहे हैं। जबकि, संबंधित विभाग के अफसरों का कहना है कि बारिश से पहले सभी गढ्डे पाट दिए जाएंगे। इसके बावजूद गढ्डे जस के तस हैं।

सत्यम शुक्ला

महानगर में जहां-जहां गढ्डे बने हुए हैं। उन्हें दुरुस्त करने का कार्य तेजी से चल रहा है। जो छुटे हैं उन्हें भी जल्द भरवा दिया जाएगा।

सुरेश चंद्र, चीफ इंजीनियर, नगर निगम