- 35 हजार कंज्यूमर्स दुनिया में नहीं, लेकिन विभाग के रिकॉर्ड में हैं जीवित

- 'मुर्दो' से बिल वसूलने गए कर्मचारी लौट रहे बैरंग, वारिस कर रहे आनाकानी

GORAKHPUR: गोरखपुर के बिजली विभाग में रोज नए नए कारनामे सामने आ रहे हैं। कभी बिजली बिल में गड़बड़ी का तो कभी घंटों फॉल्ट खोजने का। अभी नया मामला है अभी नया मामला सामने आया है 'यमराज' को बिल भेजने का। विभाग करीब 35 हजार ऐसे कंज्यूमर्स के नाम पर बिल भेज रहा है, जो अब इस दुनिया में ही नहीं हैं। ऐसे में विभाग के कर्मचारियों को मुर्दो से बिल वसूलने के लिए भेजा जा रहा है तो वे बैरंग लौट जा रहे हैं। कई बार उनके वारिसों से कर्मचारियों की कहासुनी होती है, क्योंकि वे मृत व्यक्ति के नाम से इश्यू बिल को देने के लिए तैयार नहीं हैं। यह समस्या सामने आने के बाद अब विभाग अपने ऐसे कंज्यूमर्स का आंकड़ा एकत्र कर रहा है, जो जीवित नहीं हैं। इससे विभाग को लाखों रुपए का घाटा हो रहा है।

यह है समस्या

बताते हैं कि अब तक करीब 35 हजार ऐसे कंज्यूमर्स सामने आए हैं, जो असल जिंदगी में तो मृत हो गए लेकिन विभाग के सिस्टम में जीवित हैं। ऐसे में विभाग उन्हीं के नाम पर बिल जारी करता रहा है। इसका कारण यह है कि उनके वारिस ने मौत के बाद कनेक्शन ट्रांसफर नहीं कराया और विभाग ने भी इसकी जांच कराना जरूरी नहीं समझा। अब जब लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं तब विभाग इसकी जांच में जुटा है।

ट्रांसफर में मुश्किल

इस तरह के मामले के पीछे कनेक्शन ट्रांसफर कराने में मुश्किल बड़ा कारण है। शहर में नया कनेक्शन लेना तो आसान है, लेकिन ट्रांसफर का प्रासेस काफी लेंदी है। ट्रांसफर के लिए कंज्यूमर्स को डेथ सर्टिफिकेट, लास्ट पेंमेंट वाले बिल की रसीद, नोटरी एफिडेविट देना पड़ता है। इसके बाद भी ट्रांसफर के लिए कई दिनों तक चक्कर लगाना पड़ जाता है। इस कारण कंज्यूमर्स बिना ट्रांसफर कराए ही बिजली कंज्यूम करते रहते हैं।

मुर्दो पर बाकी लाखों रुपए

विभाग का मृत व्यक्तियों के नाम वाले कनेक्शन पर लाखों रुपए बकाए हैं। विभाग अब इन पर कार्रवाई का मूड बना रहा है। नियम है कि कंज्यूमर्स के डेथ के बाद अगर कनेक्शन ट्रांसफर नहीं होता है तो विद्युत अधिनियम की धारा 3 और 5 के तहत विभाग कंज्यूमर्स के नाम आरसी जारी कर सकता है। आरसी जारी होने के एक माह के अंदर कंज्यूमर्स को अपना बिल ट्रांसफर करा लेना होगा नहीं तो डिस्कनेक्शन की कार्रवाई की जा सकती है। इस अधिनियम के तहत विभाग अभी तक सिटी के 12 हजार कंज्यूमर्स को नोटिस दे चुका है। नोटिस के बाद भी ट्रांसफर नहीं कराने पर विभाग कुर्की की कार्रवाई करेगा।

डेड कंज्यूमर्स पर विभाग का लाखों रुपए बाकी है। ऐसे कंज्यूमर्स के पते पर नोटिस भेजी जा रही है। यदि इसके बाद भी कनेक्शन ट्रांसफर नहीं कराया तो कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।

- वाईके चतुर्वेदी, एसडीओ

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हादसे के बाद नहीं मिलेगा लाभ

अगर डेथ व्यक्ति का कनेक्शन वारिस अपने नाम ट्रांसफर नहीं कराता है तो विभाग को बिल का नुकसान हो सकता है। वहीं कंज्यूमर्स को सबसे अधिक नुकसान यह होता है कि अगर बिजली के कारण कोई हादसा होता है तो कंज्यूमर्स मुआवजा के दायरे में नहीं आता है। वहीं कंज्यूमर्स एड्रेस प्रूफ के तौर पर बिल का कहीं भी उपयोग नहीं कर सकता है। साथ ही विभाग को कंप्लेन अटेंड करने में काफी परेशानी आती है। कंप्लेन पर जब कर्मचारी जाता है और मोहल्ले में पता चलता है कि उस व्यक्ति की मौत हो चुकी है तो वह वापस हो जाता है।