- चोरी पर लगाम लगाने के लिए महानगर में ट्रांसफार्मरों पर लगाए गए हैं सैकड़ों मीटर

-दो साल पहले लगाए गए मीटर नहीं कर रहे काम, ट्रांसफार्मर से दी जाने वाली बिजली की गणना के लिए लगाए गए थे मीटर

- प्रति महीने 20 फीसदी लांस हो रही बिजली

GORAKHPUR: बिजली निगम की लाख कोशिशों के बाद भी बिजली चोरी नहीं रूक रही है। इसका एक कारण बिजली निगम के जिम्मदारों की सुस्ती भी है। अब शहर में लगे ट्रांसफार्मरों को ही देख लिजिए। बिजली चोरी रोकने के लिए महानगर के 1343 ट्रांसफार्मर पर मीटर लगाए गए थे। इनमें से कुछ मीटर काफी दिनों से खराब पड़े हुए हैं। जिनको बिजली निगम दुरुस्त भी नहीं करा रहा है। जिससे बिजली चोरी पर लगाम नहीं लग पा रही है। अगर बिजली निगम के आकड़े पर गौर किया जाए तो अप्रैल से लेकर अब तक शहर को 840.66 एमयू बिजली मिली। इसमें से बिजली निगम ने 660.51 एमयू बिजली बेची। वहीं इसमे से 180.15 एमयू बिजली गायब है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में बिजली चोरी का खेल चल रहा है। लेकिन असफर इस पूरे खेल से बेखबर है।

निगम के अफसर फेल

कंज्यूमर्स के घरों से स्वीकृत लोड से अधिक का उपयोग मिलने या कहीं पर सर्विस केबल में कट होने पर बिजली चोरी साबित करने पर अमादा रहने वाले अफसर बिजली चोरी पर लगाम लगाने में फेल साबित हो रहे हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण ट्रांसफार्मर पर लगाए गए बिजली के खराब मीटर हैं। इस मीटर को फीडर या ट्रांसफार्मर से ही जाने वाली बिजली और उसके बदले में मिलने वाली राजस्व की गणना करने के लिए लगाया गया था। ताकि बिजली चोरी या लाइन लॉस का आकलन किया जा सके। लेकिन लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए मीटर काम नहीं कर रहे हैं तो कईयों को ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ा तक नहीं गया है।

शहर में 20 फीसदी बिजली चोरी

शहर में हर माह 20 फीसदी बिजली चोरी हो रही है। बावजूद इसके क्षेत्रीय अभियंता केवल कंज्यूमर्स को ही बिजली चोरी में जिम्मेदार साबित करने में तुले हुए हैं। घनी आबादी में लगने वाले कटिया-कनेक्शन को हटाने का जिम्मा बिजली अफसर व कर्मचारी को दिया गया है। लेकिन अफसर इस पर आंख बंद किए रहते हैं।

1343 ट्रांसफार्मर पर लगे हैं मीटर

महानगर के चार उप खंडों में 1343 ट्रांसफार्मरों पर मीटर लगाए गए हैं। जिसके तहत बिजली चोरी और लाइन लॉस पर ब्रेक लगाया जा सके। लेकिन इसमें से आधे से अधिक ट्रांसफार्मर को ऑनलाइन कनेक्ट नहीं किया जा सका है। आलम यह है कि अफसरों की शह पर बिजली चोरी लगातार हो रही है। लेकिन निगम पर उन पर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।

उपखंड का नाम ट्रांसफार्मर

उप खंड प्रथम 547

उप खंड द्वितीय 347

उप खंड तृतीय व चतुर्थ 449

उपखंड लाइन लॉस

उप खंड प्रथम 26.63

उप खंड द्वितीय 28.86

उप खंड तृतीय 21.33

उप खंड चतुर्थ 22.55

निगम को मिली बिजली--840.66 एमयू

निगम की ओर से बेची गई बिजली--660.51 एमयू

नोट अप्रैल से लेकर अब तक का आंकड़ा प्रतिशत में

वर्जन-

बिजली चोरी को रोकने के लिए महानगर के दो फीडर को ऑनलाइन किया गया है। कुछ ट्रांसफार्मरों पर लगाए गए मीटर पुराने हो चुके हैं और खराब हैं। उन्हें जल्द ही ठीक कराया जाएगा।

एके सिंह, अधीक्षण अभियंता शहर