- जिले भर के बैंकों में हैं करीब 23 हजार डिफॉल्टर, करोड़ों का है बकाया

- शाहपुर में डिफॉल्टर ने कराई थी बैंक मैनेजर की हत्या

GORAKHPUR: बैंक से धोखाधड़ी कर नीरव मोदी के फरार होने के बाद पूरे देश में हंगामा मचा है। जबकि, अपने आसपास भी कई 'नीरव मोदी' घूम रहे हैं। लोन लेकर न चुकाने वाले डिफॉल्टर्स से भी बैंकों को कम खतरा नहीं है। कई मामलों में तो कर्ज चुकाने का दबाव बनाने वाले बैंकों के साथ यह किसी भी हद तक चले जाते हैं। ऐसा ही एक मामला साल 2015 में देखने को मिला था जब शाहपुर इलाके में बैंक मैनेजर की बदमाशों ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। मामले की पड़ताल में पता चला था कि हत्या बैंक के ही डिफॉल्टर ने कराई थी।

सिर्फ एसबीआई के नौ हजार डिफाल्टर

गोरखपुर की बात की जाए तो यहां एक-दो नहीं बल्कि सभी बैंकों के विभिन्न ब्रांचों में हजारों की संख्या में बड़े डिफॉल्टर हैं। जिन्होंने बैंक से कर्ज तो ले लिया, लेकिन वह इसे चुकाते नहीं हैं। हद तो ये कि बैंकों की ओर से कर्ज चुकाने का दबाव बढ़ता देख यह डिफॉल्टर इससे बचने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। बैंक अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा समय में गोरखपुर में विभिन्न बैंकों के करीब 23 हजार से अधिक डिफॉल्टर घोषित हैं। जिनमें करीब 9 हजार तो सिर्फ एसबीआई के हैं। हैरानी वाली बात तो यह है कि इन डिफॉल्टर्स की छोटी-मोटी नहीं बल्कि अरबों रुपए से अधिक की देनदारी है। बैंक अधिकारियों के मुताबिक इनमें एक-दो लाख रुपए शए लेकर करोड़ों रुपए के डिफॉल्टर शामिल हैं जिनकी बैंकों ने बकायदा लिस्टिंग कर रखी है।

सतर्कता के बाद भी सुरक्षा में सेंध

बता दें, बीते दिनों कानपुर में बैंक लॉकर काटकर हुई चोरी की वारदात के बाद जिले में भी बैंकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे हैं। इतनी बड़ी वारदात के बाद सिर्फ बैंक ही सहमे नजर नहीं आ रहे बल्कि अब इससे कहीं न कहीं पब्लिक का भी बैंकों के प्रति विश्वास टूटता नजर आ रहा है। बेखौफ बदमाश एटीएम से लेकर बैंक व ग्राहकों को लगातार निशाना बना रहे हैं। वहीं, बैंकों की सुरक्षा के प्रति कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना भी एक बड़ी लापरवाही को दर्शाता है।

वर्जन