- डीआईजी जेल ने सेंट्रल जेल बनाने के लिए शासन को 5ोजा प्रस्ताव

- कम होगा आसपास के जिलों की जेलों का ओवरलोड

GORAKHPUR: मंडलीय कारागार में बढ़ती जा रही बंदियों की सं2या को दे2ाते हुए इसे सेंट्रल जेल बनाने की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए डीआईजी जेल यादवेंद्र शु1ल ने गोरखपुर में सेंट्रल जेल खोलने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। उन्होंने जिला जेल की क्षमता से दोगुना कैदी होने की जानकारी देते हुए 3000 कैदियों की क्षमता वाली सेंट्रल जेल के निर्माण को जरूरी बताया है। बता दें, इस समय मंडलीय कारागार में 1800 के करीब बंदी हैं।

जमीन न मिलने से लटका था मामला

गोरखपुर में सेंट्रल जेल बनाने के लिए 13 जनवरी, 2015 को तत्कालीन कमिश्नर ने शासन को प्रस्ताव भेजा था। मार्च 2016 में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने इस शर्त के साथ प्रस्ताव स्वीकृत कर दिया कि जिला प्रशासन नि:शुल्क जमीन उपल4ध कराए। लेकिन जमीन नहीं मिलने के कारण मामला अधर में लटक गया। एक बार फिर अब शहर से सीएम होने से गोर2ापुर में सेंट्रल जेल के लिए जमीन मिलने की उ6मीद काफी बढ़ गई है।

वर्जन

इसके लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। सेंट्रल जेल के लिए 80 से 100 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। मंजूरी मिलने के बाद गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ मंडल की ओवरलोड जेल की व्यवस्था ठीक हो जाएगी। 80 एकड़ जमीन मिलने पर 2000 व 100 एकड़ जमीन मिलने पर 3000 बंदियों को रखने के लिए जेल बनाई जाएगी।

- यादवेंद्र शु1ल, डीआईजी जेल