- चोक नाले के चलते मोहल्लों में बिना बरसात भी वॉटर लॉगिंग

- नगर निगम के जिम्मेदार कर रहा सफाई का दावा, हकीकत में कुछ नहीं

GORAKHPUR: मानसून सिर पर है लेकिन अब भी शहर की बदहाल जल निकासी व्यवस्था पर नगर निगम की नजर नहीं पड़ी है। चोक पड़े नालों के चलते इस बारिश भी सिटी के कई एरियाज के डूबने का खतरा मंडरा रहा है। सिटी में 11 बड़े नाले हैं जिसमें से पांच पूरी तरह चोक हैं। वहीं, बाकी मिलाकर छोटे-बड़े कुल 219 नालों में 50 की स्थिति भी ऐसी ही है। नतीजा ये कि तमाम मोहल्लों में लोग बिना बरसात ही जलजमाव की समस्या झेल रहे हैं। पैडलेगंज और दाउदपुर एरिया तो चोक नाले के चलते नारकीय हालातों से गुजर रहे हैं।

तो धरे रह जाएंगे सभी दावे

नगर निगम का दावा है कि 30 मई तक शहर के सभी चोक नालों की सफाई करा ली जाएगी। लेकिन सफाई से जुड़े जिम्मेदारों की कार्यशैली देखकर ये होना मुश्किल ही लग रहा है। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि शहर के बड़े नालों में सिल्ट जमा है। अधिकारियों का कहना है कि नालों की तल्लीझाड़ सफाई कराई जा रही है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। पैडलेगंज और दाउदपुर को जोड़ने वाले नाले की बात की जाए तो ये कसिल्ट से पटा पड़ा है। जिसके चलते इनकी क्षमता आधी हो गई है और जल निकासी में रुकावट पैदा हो रही है। बाकी कसर पॉलिथिन और कचरा पूरा कर दे रहे हैं। स्लैब न होने के चलते लोग घरों का कचरा नाले में फेंक देते हैं। चोक पड़े नाले के चलते एरिया की गलियों में बिना बरसात ही जल जमाव की स्थिति बनी रहती है।

पाट दिया गया नाला

दाउदपुर एरिया में जल निकासी के लिए बड़े नाले का निर्माण कराया गया था। लेकिन वर्तमान में ये नाला पूरी तरह अतिक्रमण का शिकार हो चुका है। इसके चलते जल निकासी में समस्या उत्पन्न हो गई है। नाले को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए दाउदपुर के पार्षद संजय यादव ने नगर निगम से लेकर आला अधिकारियों को पत्र लिखा। साथ ही नलकूप वर्कशॉप इंदिरानगर से बाढ़ खंड सर्किट हाउस रोड के अधूरे नाले का निर्माण पूरा करने के लिए अवगत कराया। अधिकारियों की ओर से आश्वासन भी दिए गए लेकिन आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। साथ ही अभी तक नाले की सफाई नहीं हुई है और नाले में सिल्ट जमा है। जबकि वार्ड लो लाइन में हैं। थोड़ी सी बारिश में ही पूरा एरिया डूब जाता है। जिसकी वजह से लोगों का आवागमन प्रभावित होता है।

जरा सी बारिश और डूब जाते मोहल्ले

शहर के कुल 70 वार्डो में से करीब 20 वार्ड ऐसे हैं जो लो लाइन में हैं। थोड़ी सी बारिश होने पर ही ये वार्ड जलमग्न हो जाते हैं। दाउदपुर काफी बड़ा एरिया है। यहां की आबादी भी अधिक है। बारिश में जल निकासी का कोई प्रबंध न होने से लोग कमर भर पानी में आते-जाते हैं। जल जमाव का दंश यहां की पब्लिक काफी वर्षो से झेल रही है।

शहर में वार्ड - 70

बड़े नाले - 11

छोटे नाले - 96

मॉडियम नाले - 123

अतिक्रमण का जद में नाले - 55

बड़ा पोकलेन मशीन - 3

छोटी पोकलेन मशीन - 5

कोट

नगर निगम सफाई करता ही नहीं है और पब्लिक भी जागरूक नहीं है। आज भी खुले नाले में पॉलिथिन और कचरा फेंक देते हैं। इसीलिए नाले चोक हैं।

रवि कुमार गुप्ता, बिजनेसमैन

शहर का मुख्य एरिया होने के बाद भी सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। पार्षद से शिकायत की जाती है तो थोड़ी बहुत सफाई होती है। लेकिन सफाई कर्मियों द्वारा नाले की सिल्ट नहीं निकाला जाता है। जिसके चलते आए दिन दिक्कत उठानी पड़ती है।

- अभिषेक सिंह, प्रोफेशनल

एरिया लो लाइन होने के चलते थोड़ी सी बारिश में ही जलभराव की स्थिति बनी रहती है। नगर निगम की ओर से जल निकासी का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। रास्ते से गुजरने वाली गाडि़यां भी पानी में फंस जाती हैं।

- सुनील गुप्ता, प्रोफेशनल

हर साल बारिश के दिनों में पैडलेगंज और दाउदपुर का हाल बेहाल हो जाता है। फिर भी जिम्मेदार इस पर कोई ठोस कदम नहीं उपा रहे हैं। बरसात से पहले अगर चोक पड़े नालों की सफाई करा ली जाती है तो कुछ हद तक जल जमाव से निजात मिल सकती है।

- रामआश्रय प्रसाद, प्रोफेशनल

वर्जन

शहर के नालों की सफाई लगातार की जा रही है। अधिकांश बड़े, मीडियम और छोटी नालों की सफाई हो चुकी है। सिर्फ अतिक्रमण वाले नालों की सफाई बाकी है। 30 मई तक सभी नालों को साफ कर लिया जाएगा।

- मुकेश रस्तोगी, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम