- साल 2017-18 में नगर निगम ने आठ महीने चलाया अभियान

- 4 क्विंटल पॉलीथीन जब्त और 6 क्विंटल किया सीज

GORAKHPUR: 18 नवंबर 2015 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को पूरे प्रदेश में प्लास्टिक बैन करने का आदेश दिया था। कागजी तौर पर तभी से प्रदेश में 40 माइक्रॉन से कम की पॉलीथीन प्रतिबंधित है। इसके बाद 2016, 2017 में बैन करने की घोषणा की गई और इसे लागू कराने की कवायद भी जारी रही। नगर निगम की कार्रवाईयां एक तरफ लेकिन इससे शहर में पॉलीथीन के उपयोग पर इतना भी फर्क नहीं पड़ा कि पॉलीथीन का व्यापार चोरी-छुपके किया जाए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद से नगर निगम कार्रवाई की औपचारिकता पूरी करने के लिए जब तब छापेमारी करता रहा। लेकिन यह कार्रवाईयां पॉलीथीन की बिक्री को कुछ दिनों से ज्यादा प्रभावित नहीं कर सकीं। नतीजा पॉलीथीन बैन के अभी तक के सभी प्रयास अपर्याप्त ही साबित हुए हैं।

6 क्विंटल सीज कर 51 हजार का जुर्माना

साल 2017-18 में नगर निगम की टीम ने आठ महीने छापेमारी की कार्रवाई में जुर्माना वसूला। जबकि सितंबर व जनवरी में कोई कार्रवाई नहीं की गई और फरवरी में 22 व मार्च में 23 किलो पॉलीथीन जब्त करने के बाद भी कोई जुर्माना नहीं लगाया गया। 2017 में हुई कार्रवाई के तहत अगस्त में छह क्विंटल पॉलीथीन सीज की गई और नवंबर में 13 व दिसंबर में 11 दुकानदारों का चालान किया गया। निगम अधिकारियों के अनुसार अभियान के दौरान दोषी पाए गए 68 थोक विक्रेताओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। पिछले साल नगर निगम ने कुल 442 किलो पॉलीथीन जब्त की, 6 क्विंटल सीज किया व 51360 रुपए जुर्माना वसूला।

माह पॉलीथीन जब्त जुर्माना

अप्रैल 2017 9 केजी ----

मई 2017 12 केजी 4200

जून 2017 15 केजी ---

जुलाई 2017 75 केजी 3000

अगस्त 2017 55 केजी 22100

सितंबर 2017 ------ 6450

अक्टूबर 2017 35 केजी 8500

नवंबर 2017 45 केजी 3560

दिसंबर 2017 142 केजी 3550

जनवरी 2018 ----- ---

फरवरी 2018 22 केजी ---

मार्च 2018 23 केजी ---

बॉक्स

फैक्ट्रियों में बेधड़क होता रहा प्रोडक्शन

शहर के गीडा क्षेत्र में चार पॉलीथीन फैक्ट्रियों के द्वारा उत्पादन किया जा रहा था। यह फैक्ट्रियां प्रतिदिन करीब 1 से 1.5 टन पॉलीथीन की रोजाना उत्पादन कर रही थीं। लेकिन उनके ऊपर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। नगर निगम भी छापे के नाम पर कुछ कार्रवाई तो करता रहता था। लेकिन फैक्ट्रियों के उत्पादन पर किसी तरह की आंच नहीं आने पाई। मुख्यमंत्री के ट्वीट करने के बाद हाल ही में एक्टिव हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फैक्ट्रियों पर कार्रवाई कर उन्हें बंद करवा दिया है।

फैक्ट फिगर

- गोरखपुर में पॉलीथीन प्रोडक्शन - 1.5 टन प्रतिदिन।

- 1 टन पैकेजिंग पॉलीथीन और .50 कैरीबैग।

- गोरखपुर में प्रतिदिन उपभोग 10 टन है।

- 6 टन पैकेजिंग और 4 टन कैरीबैग पॉलीथीन।

- 5 हजार लोगों को मिल रहा रोजगार

- शहर में 180 थोक विक्रेता

- 450 फुटकर विक्रेता

- 3000 हॉकर

वर्जन

पॉलीथीन बैन को लेकर नगर निगम सदा एक्टिव रहा है। पिछले साल भी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इस बार भी सरकार के आदेशों का पालन किया जाएगा।

- डीके सिन्हा, अपर नगर आयुक्त