- बारिश में नाले चोक होते ही किए जाते हैं पॉलीथीन बैन के दावे

- शुरुआती अभियानों के बाद दावे हो जाते हैं हवा-हवाई

GORAKHPUR: बारिश के दिनों में पॉलीथीन के कारण नाले चोक होने के बाद हर साल नगर निगम पॉलीथीन पर बैन लगाने के दावे करता है। आनन-फानन में कुछ दुकानों पर छापे मारकर पॉलीथीन जब्त कर लिया जाता है, व्यापारी नेताओं से लेकर अधिकारियों तक दौड़ लगाकर माल बेचने तक की मोहलत की मांग करने लगते हैं। इस बीच लोगों का ध्यान चोक नालों से हटकर पॉलीथीन का विकल्प तलाशने में लग जाता है। लेकिन यह सबकुछ बमुश्किल एक महीने ही चलता है। इसके बाद दुकानों, सब्जी, फल के ठेलों आदि पर पॉलीथीन खुले आम बिकने लगती है। निगम के अधिकारी भी अभियान को अगले मानसून तक रोक देते हैं। हां इस बार एक तर्क यह दिया जा सकता है कि मुख्यमंत्री गोरखपुर के हैं और वह स्वयं पॉलीथीन यूज के खिलाफ सख्ती बरतने का आदेश देकर अपनी मंशा जता चुके हैं।

सपा सरकार ने भी किया था वादा

पॉलीथीन बैन करने का दावा कोई नया नहीं है। 2009, 2012, 2015, 2016 व 2017 में भी पॉलीथीन के कैरी बैग प्रतिबंधित किए गए थे। 2016 में तो तत्कालीन सपा सरकार ने पॉलीथीन बैन करने के लिए सख्त आदेश भी जारी किए थे। इसके तहत पॉलीथीन निर्माण, वितरण व विक्रय को पूरी तरह से बंद करने के आदेश जारी किए गए थे। नगर निगम के अधिकारियों ने इस बीच ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी। सख्त नियम बनाए गए थे जिसके तहत दोषी पाए जाने पर पांच लाख रुपए का जुर्माना या छह माह की सजा का प्रावधान किया गया था।

पॉलीथीन के कवर भी होंगे बंद

किताबों, शादी के कार्ड, निमंत्रण पत्र को कवर करने के लिए यूज किए जाने वाले पॉलीथीन को भी प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। हालांकि पैकेजिंग में यूज की जाने वाले पॉलीथीन पर प्रतिबंध लगेगा या नहीं इस पर अभी कुछ साफ नहीं हो सका है।

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पॉलीथीन उद्योग से हजारों को रोजगार

जब भी पॉलीथीन बैन की बात होती है तो उन लोगों की चर्चा भी जरूर होती है जिनका रोजगार इससे जुड़ा हुआ है। गोरखपुर में गीडा एरिया में पॉलीथीन प्रोडक्शन की तीन-चार फैक्ट्रियां हैं जो रोजना लाखों टन पॉलीथीन का उत्पादन करती हैं। इन फैक्ट्रियों में ही 800-1000 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इसके अलावा थोक व फुटकर, हॉकरों को जोड़ लिया जाए तो शहर में ही पॉलीथीन से जुड़े पांच हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है। हालांकि गोरखपुर प्लास्टिक प्रोडक्टस एसोसिएशन के अध्यक्ष का दावा है इससे यहां लाखों लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

- गोरखपुर में पॉलीथीन प्रोडक्शन - 1 लाख टन प्रतिदिन

- गोरखपुर में प्रतिदिन उपभोग - 10-12 हजार टन

- 5 हजार लोगों को मिल रहा रोजगार

- शहर में 180 थोक विक्रेता

- 450 फुटकर विक्रेता

- 3000 हॉकर

कोट

2016 में मुख्य सचिव ने आदेश जारी कर पैकजिंग में यूज होने वाले पॉलीथीन को प्रतिबंधित नहीं किया था। नया आदेश आने तक व्यापारियों का उत्पीड़न न किया जाए।

- पवन कुमार, अध्यक्ष, गोरखपुर प्लास्टिक प्रोडक्ट एसोसिएशन

वर्जन

15 जुलाई तक पॉलीथीन के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। उसके बाद शहर में कड़ाई के साथ पॉलीथीन को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।

- सीताराम जायसवाल, मेयर