- अभी तक जारी नहीं हुआ है पॉलीथीन बैन से संबंधित शासनादेश

- लेकिन नगर निगम लगातार करता जा रहा कार्रवाई

GORAKHPUR: मुख्यमंत्री की पहल पर 50 माइक्रान से पतली पॉलीथीन बैन कराने को लेकर अभी तक कोई नया शासनादेश जारी नहीं किया गया है। जिससे यह तस्वीर साफ हो सके कि कौन-कौन सी पॉलीथीन बैन होगी, कौन मॉनिटरिंग करेगा व किस तरह के अपराध पर कितना जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बावजूद नगर निगम छापेमारी की कार्रवाई कर 50 माइक्रान से कम की पॉलीथीन जब्त कर रहा है। यही नहीं, जहां से निगम को पॉलीथीन बरामद हो रही, उन लोगों पर तत्काल 100 से लेकर पांच हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जा रहा है। नया शासनादेश नहीं आने से नगर निगम के अधिकारियों व पॉलीथीन के व्यापारियों में ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे दुकानदारों में भी उलझन है। छह जुलाई को मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर प्रदेश के लोगों से अपील की थी वह पॉलीथीन का इस्तेमाल न करें।

50 हजार तक लग सकता है जुर्माना

15 जुलाई के बाद से पॉलीथीन का इस्तेमाल करने या व्यापार करने पर नगर निगम कार्रवाई करेगा। शासन स्तर पर सभी सरकारी विभागों से लेकर पुलिस कर्मियों तक को यह अधिकार दे दिया गया है कि वह वह पॉलीथीन का इस्तेमाल करने वालों पर कार्रवाई कर सकें। नियमों का उल्लंघन करने पर इसके तहत 100 रुपए से लेकर अधिकतम 50 हजार तक जुर्माना लगाया जा सकता है। 2015 में जब तत्कालीन सपा सरकार ने पॉलीथीन बैन की थी तो प्रतिबंधित पॉलीथीन का इस्तेमाल करने वाले पर छह महीने की सजा और पांच लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया था।

8 विभागों पर है जिम्मेदारी

नगर निगम के अलावा सात और विभागों पर पॉलीथीन बैन करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें सेल टैक्स डिपार्टमेंट, राजस्व विभाग, जीएम डीआईसी, फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट, पुलिस विभाग, प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड सहित इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट शामिल हैं। प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी घनश्याम प्रसाद ने बताया कि सरकार अपनी सभी इकाईयों के प्रतिनिधियों को यह अधिकार दे रही है कि वह पॉलीथीन का इस्तेमाल और व्यापार करने वालों पर कार्रवाई कर सकते हैं।

55 हजार का लगा चुके हैं जुर्माना

नया शासनादेश भले ही नगर निगम को प्राप्त नहीं हुआ हो लेकिन टीम ने छापेमारी शुरू कर दी है। अभी तक निगम की टीम 9.5 क्विंटल पॉलीथीन जब्त कर चुकी है और 55 हजार रुपए जुर्माना वसूला जा चुका है। यह सभी कार्रवाई मुख्यमंत्री के पॉलीथीन बैन करने की पहल के बाद किए गए हैं। इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड की ओर से गीडा में चल रही तीन पॉलीथीन फैक्ट्रियों में से दो की बिजली काटने का नोटिस उन्हें दिया जा चुका है। एक फैक्ट्री में उत्पादन पहले से बंद है।

सिलसिलेवार तरीके से बंद होगी पॉलीथीन

6 जुलाई को मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर प्रदेश वासियों से 15 जुलाई के बाद पॉलीथीन नहीं इस्तेमाल करने की अपील की थी। प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार नगर निगम 15 जुलाई को 50 माइक्रॉन से कम की पॉलीथीन पूरी तरह से बैन कर देगा। 15 अगस्त से थर्माकोल के गिलास, प्लेट सहित अन्य प्रोडक्ट प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे और 2 अक्टूबर के बाद से इन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

फैक्ट फिगर

गोरखपुर में पॉलीथीन प्रोडक्शन - 1.5 टन प्रतिदिन। जिसमें एक टन पैकेजिंग पॉलीथीन और .50 कैरीबैग।

- गोरखपुर में प्रतिदिन उपभोग 10 टन है, इसमें 6 टन पैकेजिंग और 4 टन कैरीबैग पॉलीथीन है।

-5 हजार लोगों को मिल रहा रोजगार

- शहर में 180 थोक विक्रेता

- 450 फुटकर विक्रेता

- 3000 हॉकर

वर्जन

प्रतिबंधित पॉलीथीन बेचने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। शासनादेश नहीं आने के कारण कौन-कौन सी पॉलीथीन बैन होगी या किस पर कितना जुर्माना लगाया जाएगा यह अभी तय नहीं है।

- डीके सिन्हा, अपर नगर आयुक्त

सरकार सभी विभागों को पॉलीथीन के खिलाफ अभियान में शामिल करेगी। शासनादेश आने के बाद कड़ाई से उसे लागू किया जाएगा।

- घनश्याम प्रसाद, क्षेत्राधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड