- कैंट इलाके में बढ़ी वाहन चोरी की घटनाएं

- एक हफ्ते में गायब हुई 12 गाडि़यां, चार का केस दर्ज

- इंश्योरेंस न होने की बात कर केस दर्ज करने से टाल रही पुलिस

GORAKHPUR: अगर आप शहर के कैंट इलाके के रहने वाले हैं और आपके पास भी बाइक है तो सावधान हो जाएं। क्योंकि इन दिनों कैंट इलाके में वाहन चोर काफी सक्रिय हो गए हैं। वह पलक झपकते ही रोजाना तीन से चार बाइक उड़ा रहे हैं। हैरानी वाली बात तो यह है कि गाडि़यां चोरी जाने के बाद पुलिस उनका एफआईआर भी नहीं दर्ज कर रही है। क्योंकि कैंट पुलिस ने इसके लिए नया फरमान जारी किया है। अगर गाडि़यों का इंश्योरेंस नहीं है तो पुलिस एफआईआर नहीं दर्ज कर रही है। पीडि़त थानों का चक्कर काट रहे हैं और उन्हें पुलिस इंश्योरेंस नहीं होने का पाठ पढ़ाकर लौटा दे रही है।

कैंट इलाके में बढ़ी घटनाएं

इन दिनों यूनिवर्सिटी चौक से लेकर मोहद्दीपुर, रेलवे स्टेशन, और कूड़ाघाट तक वाहन चोरों का गैंग काफी सक्रिय हो गया है। इन इलाकों से बेखौफ चोर रोजाना तीन से चार गाडि़यों पर हाथ साफ कर रहे हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि इन इलाकों में पुलिस की ड्यूटी नहीं लगती, बल्कि घटना के वक्त वहां पुलिस नहीं मौजूद रहती। या फिर यूं कहा जा सकता है कि घटना के समय जानबूझ कर पुलिस वहां से हट जाती है। क्योंकि पुलिस में शिकायत करने पर पहले तो पीडि़त को ही उल्टा परेशान किया जाता है और फिर कई दिनों तक उन्हें थानों का चक्कर काटना पड़ता है। एफआईआर भी सिर्फ उन्हीं की दर्ज की जा रही है, जिनकी गाडि़यों को इंश्योरेंस है।

ऐसे परेशान करती है पुलिस

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से नाम न छापने की शर्त पर वाहन चोरी के पीडि़तों ने बताया कि पहले तो पुलिस यह कहकर डांटती है तो तुम लोग गाड़ी लॉक नहीं करते हो। गाड़ी में डबल लॉक क्यूं नहीं लगाया था। एक व्यक्ति को गाड़ी की रखवाली के लिए क्यों नहीं छोड़ा। अब घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच होगी। सुबह आकर एफआईआर की कॉपी ले जाना। दरोगा जी मौके पर जाकर देखेंगे उसके बाद एफआईआर होगा। इंश्योरेंस क्यों नहीं कराया था। बिना इंश्योरेंस के एफआईआर नहीं दर्ज होगी। इस तरह की तमाम बातें कर पुलिस पीडि़तों को टरका रही है।

एक हफ्ते में दर्जन भर से अधिक गाडि़यां चोरी

हैरानी वाली बात तो यह है कि कैंट इलाके में बेखौफ चोरों ने बीते एक हफ्ते के अंदर एक दर्जन से अधिक गाडि़यां चुरा ली, लेकिन इनमें से महज चार लोगों की ही अब तक एफआईआर दर्ज हो सकी है। कैंट थाने के सूत्रों के मुताबिक गायब हुई अधिकांश गाडि़यां 5 से 8 साल पुरानी हैं। इनमें से अधिकांश का इंश्योरेंस भी नहीं है। ऐसे में पुलिस उन्हें इंश्योरेंस नहीं होने का बहाना बनाकर केस दर्ज करने से टाल रही है।

केस-1

कैंट इलाके के सिंघडि़या के रहने वाले विनोद की होंडा साइन गाड़ी तीन दिन पहले रेलवे स्टेशन के पास से गायब हो गई। वह अब तक थाने का चक्कर काट रहे हैं।

केस-2

रहमतनगर के रहने वाले जावेद की बाइक रविवार को व्ही पार्क के पास से गायब हो गई। लेकिन अब तक उनकी एफआईआर नहीं लिखी गई।

केस-3

नंदानगर के रहने वाले अतुल कुमार की बाइक सोमवार को मोहद्दीपुर-कूड़ाघाट रोड से गायब हो गई। इंश्योरेंस नहीं होने से उनका केस नहीं दर्ज हुआ।

केस-4

रूस्तमपुर के रहने वाले रजनीश की बाइक एक हफ्ते पहले मोहद्दीपुर रोड से गायब हो गई। लेकिन अब तक उनका केस नहीं दर्ज हुआ।