- रात में 12 बजे के बाद नहीं सुनाई पड़ता हूटर-सायरन
- इलेक्शन में बिजी हुई पुलिस, टूटने लगी रात की गश्त
GORAKHPUR: शहर के भीतर मोहल्लों में आधी रात के बाद पुलिस के सायरन खामोश हो गए हैं. रात में होने वाली गश्त लगभग बंद हो चुकी है. कभी-कभी हाइवे किनारे भले यूपी 100 और पिकेट नजर आ जाए लेकिन दूर दराज के मोहल्लों में पुलिस की आवाजाही कम नजर आ रही. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इलेक्शन को देखते हुए ड्यूटी बढ़ाई गई है. अगर कहीं से कोई कमी मिली तो वहां पर गश्त बढ़ाई जाएगी.
इलेक्शन में बिजी पुलिस, पड़ने लगा असर
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में पुलिस फोर्स जुटी है. पहले चरण के मतदान के लिए छह मार्च को फोर्स रवाना कर दी गई थी. करीब साढ़े सात सौ पुलिस कर्मचारियों को बाहर भेजा गया है. इनमें ज्यादातर दरोगा और एचसीपी शामिल हैं. इसलिए करीब हर थाना पर पुलिस कर्मचारियों की तादाद कम हो गई है. इसका असर पुलिस के रूटीन वर्क पर दिखने लगा है. थानों के रोजाना के कामों के अलावा इलेक्शन ड्यूटी के तमाम कार्य बढ़ गए हैं.
26 थानों पर 1500 सिपाही, कौन करे रखवाली
जिले के भीतर महिला थाना सहित कुल 26 थाने हैं. इनमें पुलिस कांस्टेबल की तादाद 1500 है. शहर से लेकर देहात तक गश्त करने के लिए पुलिस फोर्स कम पड़ जा रही है. मौजूदा फोर्स के पास इलेक्शन के कई काम होने से वह गश्त और पिकेट पर फोकस नहीं हो पा रहे हैं. जबकि सम्मन, वारंट तामीला, फरार अभियुक्तों की तलाश सहित अन्य अभियानों को पूरा करने की जिम्मेदारी पुलिस के कंधे पर है.
इतने सिपाहियों की है मौजूदगी
थाना सिपाही
कैंट 129
शाहपुर 100
खोराबार 92
कोतवाली 76
गुलरिहा 65
गोरखनाथ 63
राजघाट 61
सहजनवां 75
चौरीचौरा 58
गोला 53
चिलुआताल 53
तिवारीपुर 39
महिला थाना 40
कैंपियरगंज 35
पीपीगंज 37
बांसगांव 49
गगहा 45
बेलीपार 44
बड़हलगंज 64
उरुवा 35
बेलघाट 32
खजनी 49
सिकरीगंज 32
हरपुर बुदहट 24
झंगहा 55
पिपराइच 54
चुनाव में पुलिस के सामने ये जिम्मेदारी
- क्रिटिकल और वल्नरेबुल मतदान केंद्रों की निगरानी, भ्रमण करना
- जमानत पर छूटे बदमाशों, अपराधियों और हिस्ट्रीशीटर की सूची अपडेट करना, निगरानी की जिम्मेदारी
- सभी थाना और चौकी प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक गुंडा एक्ट और गैंगेस्टर की कार्रवाई करेंगे
- चुनाव में बवाल की आशंका वाले लोगों को शांति भंग में पाबंद करने की प्रक्रिया
- लंबित गैर जमानतीय वारंट का तामिला सौ फीसदी कराने पर जोर देना, लाइसेंसी असलहों को पूरी तरह से जमा कराना
- अवैध शराब, गांजा, स्मैक की बिक्री पर रोकथाम, नाका प्वॉइंट्स पर चेकिंग करना
कोट्स
हमारे मोहल्ले में पहले रात में 12 बजे के बाद पुलिस के वाहन का सायरन सुनाई पड़ता था. लेकिन इधर कुछ दिनों से सायरन कब बजता है इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही. हो सकता है कि रात में कोई पुलिस कर्मचारी आता न हो. इससे चोरी की आशंका बढ़ गई है.
राजेंद्र गुप्ता
रात में यूपी 100 की गाडि़यां कहीं-कहीं नजर आती हैं. लेकिन मेन रोड छोड़ने के बाद गली-मोहल्लों में पुलिस की गश्त नहीं हो रही है. इसलिए रात में निकलने में डर लगने लगा है. इसलिए हर मोहल्ले में गश्त बढ़ाई जानी चाहिए.
भोलेंद्र पटेल
रात में 11 बजे के बाद सन्नाटा हो जा रहा है. कुछ प्रमुख चौराहों को छोड़ दिया जाए तो कई जगहों पर पुलिस फोर्स कम हो गई है. दूर दराज एरिया में पुलिस की गश्त कम हो गई है. ऐसा लग रहा है कि यहां के लोगों को बाहर चुनाव ड्यूटी में भेज दिया गया है.
वीरेंद्र रैना
चौराहों पर पुलिस की चेकिंग नजर आ रही है. लेकिन गली-मोहल्लों में कौन आ जा रहा है उसके बारे में पूछताछ नहीं हो रही. हर जगह पुलिस की विजविलिटी होनी चाहिए.
राजेश यादव